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________________ GO नूतन वर्ष के संकल्प आईये, विक्रम के नूतन वर्ष के सुनहरे प्रभात में परम कृपालु परमात्मा को भावपूर्वक नमस्कार करें और निम्नलिखित संकल्प करके नव वर्ष के आगमन का स्वागत करें । * आत्मा व मोक्ष के अस्तित्व का स्वीकार करके आर्य महासंतों द्वारा रचित जीवनशैली, उसके सिद्धांतों तथा व्यवहारों को दृढता से अपनाने का; व आत्मा तथा मोक्ष के अस्तित्व को नकारने वाली ध्येयशून्य जीवनशैली को तिलांजली देने का नये वर्ष में हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * देश के करोड़ो प्रजाजनों को बेकारी - महँगाई - भूखमरी - रोग - पागलपन - कुपोषण - अंधत्व वगैरह के खप्पर में ढकेलने वाली पश्चिमी मॉडल की पंचवर्षीय योजनाओं की नागचूड से प्रजा को मुक्त करने का नये वर्ष में हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। रासायनिक खाद व कीटनाशकों के बलात्कार से वंध्या बनी हुई धरती को पशुओं के गोबर व मूत्र के सिंचन द्वारा नवपल्लवित करने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें । * दूध का उत्पादन बढ़ाने के बहाने इस देश की विश्व श्रेष्ठ गायों का संकरीकरण रोक कर उन गायों के आनुवंशिक गुणों की रक्षा करने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें । * गाँव के मासूम बच्चों के मुँह से दूध का प्याला छीन कर उन्हें अंधत्व तथा कुपोषण के रोगों में ढकेलने वाली डेयरी की घातक योजनाओं के विसर्जन का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेंगे। भूमि, जलाशयों, जंगलों, पशुओं, प्राणीओं, जंगलों, पुष्पों आदि प्राकृतिक संपत्तिओं के व्यापारीकरण करने का सिद्धांत प्रस्थापित करके देश के करोड़ों लोगों के शोषण के षडयंत्र को विफल बनाने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * दैत्यकाय यंत्रों और विशाल पूंजी के हथियारों द्वारा छह लाख गावों के ग्राम्य कारीगरों पर टूट पड़ने वाले देशी - परदेशी मुठ्ठीभर उद्योगपतियों के आक्रमण को मार हटाने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * अनाज का उत्पादन बढाने के बहाने से “जगत के तात" का श्रेष्ठतम बिरुद प्राप्त करने वाले किसान के हाथों से खेती, भारतीय पद्धति का कृषि-विज्ञान और खेती की जमीन हड़पने के षडयंत्र को परास्त करने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * 'विकास' - 'प्रगति' के बहाने पश्चिम द्वारा तय किये गये सर्वतोमुखी पतन के मार्ग पर बेतहाशा भागने के बजाय इस मार्ग से वापस लौट आने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * पश्चिमी सत्ताओं के ईशारे पर नाचने वाले हमारे देशी मंत्रियों, आयोजकों तथा अफसरशाही द्वारा इस देश की महान प्रजा को सातों व्यसनों की बाढ़ में डुबो देने के प्रयासों में अवरोध पैदा करने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * सतियों, संतों तथा शुरवीरों के इस देश को दुराचारी, सत्तालोलुप तथा कायरों के देश में पलट देने के पश्चिमी सत्ताओं और उनके देशी एजेटों के प्रयासों पर पानी फेरने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें। * पवित्र यज्ञयाग की धूम शिखाओं से आच्छादित और मंत्रोच्चार के निनाद से गुंजित इस देश के वायुमंडल को सेटेलाईट चेनलों के अवकाशी अतिक्रमण से बचाने का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें । * पश्चिमी प्रथा के शोषक यंत्रों द्वारा चलने वाले उद्योगों के संचालन के लिए मानव - मजदूर पैदा करने वाले आधुनिक शिक्षा - कारखानों के स्थान पर ‘सा विद्या या विमुक्तये' के आदर्श को नजर के सामने रखकर संस्कारों के सिंचन करने वाले गुरुकुलों की पुनः स्थापना का हम प्रचंड पुरुषार्थ करेगें ।
SR No.006035
Book TitleViniyog Parivar Dwara Prakashit Lekh Samput
Original Sutra AuthorN/A
AuthorViniyog Parivar
PublisherViniyog Parivar
Publication Year
Total Pages80
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size10 MB
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