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________________ 68 खायुर मृत्यु लवोलव न जगडते. शातमी नरउना सागरोचमाना बने खेडवखतना मृत्यु सांगत असंख्य थरो 1 के કતલખાનામાં वाय या खंड व्यक्तिने सीधी बीते गारी नाखवामा के चाय छे, तेना डरता આત્મા, ૫૧૯ોડ, પુછ્ય પાપ श्रद्याची तेने यूडावी हो तो घालचंडर पाप जेधाय छे याम लावसाची लवलव जगड लावहिंसा डेटली नियंडर के दोनों व्यास खाटा शिक्षण शिक्षण यो लाहिंसा छे केम, तमाश बुधि जगड़े बने उत्तलखानामा हान खायो, खांमनो हान याप क नाह यहां रानार्थ देशमा खाये छे. तेम खहीं डोर खावु कांग दुश्तो डेटनु लीडर खातो तेना करता पण घटणे ४ लयंडर है. युरंग तुमने तो ह्यहिंसा क हिंसा तरीके है जाय हमें तो छैन छोरा माजापतो हिदुराखोनी शारीरीक चिंता केवता स्पध्यिात्मिक चिंता ४ बधाई ९३. पान डरनाश माजाय तेना हिलेख्छु नहि यग दुश्मन व छे के भाषा हिदूराने स्वात्मिक रीते धाय तेम उछेरे भ् मा जाप उसाधे नुडशान 6 यहा लूडा थे. दुसाठतो खेड लवनु मृत्यु करशे चत्र माबापू को लवोलवना मृत्यु ९२शे हुप्यहिंसा दुरता लाव-हिंसा बघारे लयंकर छे समारो हिडशे डोकटर चायने समे भागीहार खरा के नहि ? हुजाखे, तो पापना साहेजक:- हा लागीहार परा डो, बनवा माटेनी हमे प्रेरणा खापी होच तेमां तेने सहावलूत थया ले . संला तिमां / 1
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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