SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 71
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 67 *माणस हेरान धंधे लय नबणा मालासने सजजो मालस हेरान डरी राडे छे. स्थायगा पुण्य पापना यु० उध्यमां बीक व्यक्ति निमित्त जनी शडे है, तमारी पुत्यू समारे लोगववानुं तमाइ चाप या नमारे लोंगव बावु छे. तूमार जो नमारे लोगबवान, तमारे खपायवान ने मार जधेसु मारे लोजवान எ कवि न खपाववाणु, जीने पहा लिने अशुभ कर्म निमित्त जनी रांडीचे छीयो निमित्तने समो उतृत्वने समले तमारा दुर्मना जधाववामां प हुर्ता हुन लोडला नछो जीना डर्मनी डर्ताहर्ता लोडला खापी नधी या निमित्त जी यह राडीचे समारे पाप घालवानु मन होय तो गुस्से चूहे भाव छीखे, जीनने खेती सजी हुई ॐ नमे 99 तरत सला:- काहेक तेने या याप बंघाय नेट साहेजन:- खेना लाव प्रमाने सेने या थाप जंघाय, नमाग लाव अमालले तमने जब धाय नितीनियमী Cristal clear छे, युगसिंडे के बांध्या ते तेने क लोगवला पडशे. या पेसा मृत्यूपाप देवने देना तरह प्रतिशेय द्वेष वादियांबे छे त छुट्टी sul होय ना अपना हिस्सेदार जनाववा होयतो व्यायनी जुछिन यहा धाय सेवा वातावरणमा 05 मूडी हेवा खाम खा यापनी लुधि टोमनामां (युजसिह मेहा उरवाही खाला नरमात्मा चुल्य चाप जघु भूलीने, डर्म डरपाठी शातमी नरके गया. खानाची प्वालसा के मारवांधी जहसी धारे लादी सीधा - . . ળાવ બદલવાતી बीजाबी रीजाबी में . - 4 मार्या होत तो साम
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy