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________________ खंड भवया डरो प्यारे खेड प्रात्मा यल खाखले या इतलीजानामाळ के. खायला खात्मा उतसंखानु इतलखानामा कन्भ मरता सिइसाचो छे भेघने तेमांधी बहार नीजवानी उपार दूरे नहितो तमाशे खदीयो ईटली? वेनी छष्टिमां संधोपो छे तेने છાની Value डेंटली 2 ने २०३५ वियास्ता એક અન लाज नुवयोनिमां लटडता तेनुं लचानक सेम धवं व कोच रोडे खामांधी हु डुचारे छू रंजने सांचे जीवने या छोड़ा. मैत्री प्रमोह - ३ला जधी लावनांना साइप 'सवि कव ९३ शासन एसी लावना खायी थे. लगवाने लावना लाल तेनुं डारा के खामां अधी ४ भावना खाली भय छे यामां ू कगतना कवीन जर-हित छे Gath Meh اسد 376 जे - या लागवु जे. संसार क्या शुध खात्मा पायथी मुक्त नही छतो त्यां सुनी जभरते सुख नथी चामी शडतो. मारे भुने पहेला चायमांथों सोडोत्तर सांमंत्री द्वारा उल्याला छे, दुरखाना अनुया खेली उरोडे बोलवू तमे साधा शको तमने हानू न डरवानी मारी प्रेरणा नही, चल तेमा छैन शासननों विवेक भेजो.
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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