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________________ नलगे..पल चारविडम-राम के सुन यामी ने बीन की सयत. ओरी indin laबारे सा वमा धाथ ना ले या३ जने मांड भरमा -लाही सीस -हाव तेथी 53 ट्यारे घुली छ ? ते वात कोना पर पारी २.-पाखा २ oogm. समन व्यापागे जाना जाता जी.. सामता तभ. -तोही डीभशनमा आपता ही पल म२७३. मान लमाश नाराप्ति च छ नी साय, वम पालक पीछी याच भाम तमारी पीडा सामने लागेल जानाut - -सी गाजता की कि 46 204 -को छन्तानने पाप नछी ममता : ......... +--सला-भूयारी मेम .... ---हेजलायमे चापले धाप मावतार ईरोधाती ची जीने त जुन . -- ॥ लाशय ।।---- ----- | विश्वासघात - तमारे तमारी माटेगाने गात नानासाहायरी - माता दिया जा जालनमीती-उन्नी- - सलामाषु अधु सा ema walनु मन नवीयत. सन १३Rधान मार तो १६. ५ प --- -
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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