SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 340
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ T पापना साराह होचत जमा अन न हाँधतीने पापना-मानह छ-तली गधने-- तीन पापना-अनुज 43 के. पापन। सो पात्रहपूर्वनो होचत। समग्घु तमा २ts Gur uter पर सऽसडार रही है. अत्या३ या ४ समासेवाडी डीट, वडाल बी३ घाा ाली.. स होवाता-ओम पापना - माह होचो मा अनुबन पाचनो पाडले.......... |------------, Dilenaj सांगुली जीपात्ता पापी वाह, पलामो लीहतो. कम सामाOHI नाधामोशुट नी ने मा. सहाय ३२वी जी माछीमार. . ouraatमा : Sोड न माने -Cg भतार्थ ली. २ull वयाने व्याकली हवा ते पाच . CMON Ooटीम दिनाना मार मारतेना प्रल १२ता लघु पतन 33.. पाच नयी प्रेम मानना२ मतम. समग सा yor पोतानी वात पssी जि. वियां वाया। यार नाथ. याममाछा लडित 52,... गीतापाठ-2 . तमनीशलडित-32ली उथी छे. साधे दामादी गुलपवले. न्यारे गोड-तमले जी-मारी पार पाहे राम' लोला ने जाने-525शी नहि. आम के पहा समाआधी. तात्पलमा मधु होवा छत्ता ---- बावापूर्वनी uruनी- २ अने अनुमीणा के nी पापानु जीपुल्या 2. ..----- पापनी अनुमोदनाने पापना भून -- साली नोजल 2. शाला 3%, . पyा आवहती ज नहि. में चल पायी
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy