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________________ X 297 हिमानी पडे छे. क्यारे मिथ्याहुष्टिनी क्षमामा होधनो ज घला દુનિ खनुबंधनी उशमत शुं? डे मेने दूधो अनुबंध पोतेने सायल जराजमां याय, खने देने सारो अनुबंध थडे नेने राज चल सारामा याच परी प्यारे जनरल वेह पडे तो बेड़ी से, यहा यो खेवी रीते बेहे ? वर्षे, जे पये लेने बारगगी नही मते भेटले. खा नुडशान नझनु साधन धधु शकल नेकी के खावत है.. खेनी सामे घला खेवा होयडे पत्यारे नही ले या विष्यमा तैनाथी नेने घशु नुकशान धाय डर्मना यहोने खाडाखवणा उरपानी लाअंत अनुजविमा छे. अंशुल लाव ने 94% जंघाय, अत्यारे खेडलुं पूज्य 5 सर्वन खेटले शुं ?. वर्तमानकाजनो जघ तमाश वर्तमान शुल के खशुल लाव पर े. खत्यारे मनमा २५% शुभ लाव होय छे तो कर्म के प्रमाले दुनियामा जेवों कोई खात्मा नही है ते युयने चायनो बंध खेडा याते है लगवाननी चूथ छुश्ता हो प्यारे तमारा मनमाने वभूते पुत्र निमित्ते सारा लाव होय छे. तेथी तमने अम थायडे भने खेडल युल्य भेजे या कैन कर्मवाह खेम नही परमात्मानी पूल जारी छे तमारी लाव बने सारा छे परमात्मा प्रत्ये जहुमान छे लडत ने सचल पा उमजडो चरण होय. बीक મન पंधालु you सत्यत छे, बाधे ' Jayan प्र ... ---- ---- ? होतो. हिंदू उसके
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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