SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 284
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 279 भेटली धर्मकी सामूगी मजे छू तेमां चुरानो हाजी छे! પદ્મનાં પૂયોગ કે સદ્ઉપયોગ કરી પુર કરવાનુ क्या ३ घलाने छैन शासन छे, चहा तेमने मांटे मण्यु उपासना दु खाराधना दुश्वानी ४३२ नयी सांगती लेना युज्यनों उपयोग थतो नही ने युएच सेमनेम पड्या रहे, उसने कता चला रहे हवे मूजलुत सिद्धांत शु धर्मसामग्री चुरचनुं इज थे, लौतिक सामूची या युज्यनु हज के मारा सहलाज्य थी मॅजी चल व्या ने वस्तु डे लाव शुल पुष्यू ચાચા संता::- परिणाम खेड छे साहेब: - हा पर्यायवाची शब्द छे. बल लावे धार्मिक सामग्री प्यावे के ने शुभ लावो लौतिक सामग्री खूणवे छे. चल limit डेटली तो ग्रेड वजन धर्म अथवा तो लौतिक सामग्री संपावे. या शुं डरखोने तेनुं નાવિ थाय? तेनो उपाय शु खायला હાથમાં પુરૂષાર્થથી 2 चुल्चनी सामग्री सुपाये तेनो उपयोग तो खेड वाजत कीवो शुभ परिणाम यो धिर्मनी माजी खेटले खा या धूयुंडेर रोड लवमा मजेली नहुने क्ती दुरो तो तपने ).. कूप खायशे या उरी राडे छे. सला: العد · न्युय जधायु ने वजले સદ્દગુરુ તથ સામગ્રી खागला लवना शुभ परिणामा सारी तह उतनी धा ध्या जीन तक डे मनेंच्या મદ ભાગ कर्म हमला 8 तेव नियम नही बुरुशाना चहा तमने means खाती है याच प्यारे धर्म डरवानु ०
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy