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________________ 199 खेनी खेळ होय या स्थान जहलायु प्रवृत्ति खेटले र्ने, उरीचे छीने खेतुं नयी खधर्म धंधे नय या बात खायो g या व्यासमुमि ये पा आम ४ Sey छे, लुमिडा - संयोग व्यक्ति लेहे धर्म जहलाच छे तेथी ४ सूक्ष्म जुधि खावस् वहीं खा वात सेवान से प्रयोकनछे 8 के अनुया रानमां पवने खशीन खने घणाने शांति होचु ने रखनुड्या धर्म रखने के संनुड्पान मां घलाने शांति रखने घौडाने शांति तेली अनुया अनैनोनी थशे. माहे बांधी ट અન્હેપા ડશી तेमा पनावतो मैंने सारी ने हितकारी होय सेने भे शासन प्रभावना होय तो साथ हरेती स्थापनावेतो शु साधी ? होय तो प्रेम न दुराचं र न्वाजये साधुनी भूमिका ने गृहस्वनी लूमिंडा केही क्षे. तेली गृहस्वनो धर्म साधु माहे धर्म जनतो नही खायारवियार धला જ छुहा गृहस्थ साधुना खायार संयनाटये तो होष लागे खने બાપુ ગૃહસ્થના આચાર होस लागे धर्म भूमिका लेहे छे અપના नावेलो या येनें ० छे, जन्मेनी सामे खेड આસનાળ अनुउया सुपात्र हान करता धनु 8 त्याच तुलना न साजोनी उपरो अनु सुपावनी लंडित डरोलो जेना इजमा कमीननो हेर छे. अनुच्या निगृगी सुपोचतो. गुलीयस हयापत्रनी वानी छे, वारे . માનવાના छे ने भक्ति दुरखानी तेमनी હાય હૈ. છત્તાપણું स्थान हानना अधिकार હોય ܘ هه
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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