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थोड
लाच राम्रो क्या अधी
पुढंच बांधी राडी छो धर्म मज्यो छे पला बैनोख देवी 18 उजवी नथी. थावे के नामी जाम तेम लाव राजो, मांड पनुध्या दुई छे तो चीकहाथी ने यहा कस्तो बंध धंधे क्शे चहल में तो तमे थोडा धर्मधी चहा ढंथो साल मेजवी राहते मारे खारसु उहीचे छीखे बयाना कधी सामग्री तूमें निवतरमा यामी बाकी ने माहे खमारी ब्याटसी महेनत छ शास्त्रमा छे डे के दया विशिष्ठ खाशय सप्यु वगर लौतिक हया करे छे तेजी जो खापरगाळी प्रशंसा डराच सखुस होस्पिटलों ने तो
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नुयामांची पला रहू उर्जा छे पल हुवा, तजाब पोहाववा, खौषधी - बचो पोसवा शेळगारी याहि मारे तथा बील उहेवाता सव्हार्यो के वेळ खत्वारे धली ४ जोसजाला के पलु आहो छैन शासननो विवेध न होवती हाननी प्रशंसा डे खनुमोहना उरीचे तो तेयां यही पाय लागे, सावाँ डायने याम कालामा स्थापित डर्चा छे,छत्ताया धर्म बुद्धि से
डराच.
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तमने खावी उत्तम लेने न्याच खायी शाय तमने तो खेम वियार
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हि सानु
व्यनुयाम अनुमाहन
हनान
समाः धर्म जुधिखे न करे तो दुधे रोते रे 2 साहेब:- खेड व्यास स्ामहेनत धी. उमाद्येने सत्कार्य करवावाजी छे न्यारे लीने हमाछने हुरायार खूनायार मोम्मल डुरवावाजी साठे जीनने भरायण लोगववा हे ते बो स्वाधी छे જ્યાર जळोनी सरजामली करवामां खावे त्यांरे बयार्थी डरता खानामा हया खाहि गुलो ळें मारे
मालस
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