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________________ २ सम्च दृष्टि को यस्त्रि-कर्मना डाइटी संसारमा होय छे, रा होतो तेमने युद्ध यहा ४२वा ने बखते लाखो नो सहार याच छे, ते छता तेखो बहु क वाई છે જ્યારે તેની સખામણીમhaફ્ર कृ नांना डीडी मेझेडा जी के हलडु पाप पल वधारे पाप भारता संता:- खेड मोड आएगी गायने, छोडावcli डबना चुना ८ अजूनर ने Õ1slucl वधारे सारा 2 ૬૨૫ साहेज:- पध्या नंगली डरवानी नही याता प्यूँ उक्ता तमार हूहूय होमण रहे, लावो निष्ठुर ने डहार न वायूते मारे दूरखानी छे ग असेनेट मोतमांधी छौड़ाव वानी बातने' तैनातो ! / चलू सभा साहेब: महापुरुषो ना चाडे छे यानी खाराय आग पातशे : गाने जावो यही लेने कपाडवा जीन डेटला चडशे स्याम खायलो मारवा | खेड ( पाशय जूतरनी नुंगधी घ्या चालु डुरशों तो पछी ာရ 1112 • भेंड गाय साम जूतरन 2018 उजूतर नी सांमे 40 डीडी मंडोडा ने बनी तेजी सामे 100दुधवा सो तेजी सामे वनस्पति कोरे लो. खाम जलालरी नंगलाच I साहेजक: खामा चला लाव समळवा चडशे तत्वमरी को मारो पोतानो नहितो भूप भेड अनुभव उहु छु जे ४el व्याप्यानमा नुवानीय खावता तेमांची मने वजन
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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