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________________ अनुपाना दोनों बेबी हीला के, केमड़े लिखारीने लीज मांगवान अधिकार नहि हीन, दुःखी, दुला लगडानी बहालहारी सरकार से है पंछी लसे सस्डार सायंटी पहा खामो हाननो टेक्ष सहने तमारी पासेधी लाव रहेतो नधी मार्गानुसारिना गुलमा खावे छे डे नवजा वर्गने झूला लंगड़ा वगैरेने सौरच्छा से ભકિત પ્રમાી સાચવવી, देखो खेतुं यूटा मानता डे खायलो सहार छीखे तो जलजा समाळने सायववाबी खायली ब्याबहारी छे समान्नु खांचूगा पर कला छे, खाम खामखा वियारीने सायवता. हवेतो खाबंदु छ डाठी नाथ्युं छे. जङ्घन सरकार सायवे तेवी मनोवृडून खावी गर्छु छे पहेलाना वखतमा समाळ सामने सायवे छेने सामे खेम धतुं के खायगी चला 50 छे. याम जवने बाबु शुभलाव હીવાન કા૨ણે પુછ્યું બંધાતુ . એની જ રીતે અત્યારે चला खनुड्याना क्षेत्री शालू या थया छे, केमडे research Centoeri विहतिः खेटली जंधी छ खा गुलाबत्तानी दृष्टि एसडु हान उगे गलाशे खार्य या - . - नैनेत्तरोना घ्या- परोपकार अतिथि हेलो लघु त्या शक्ति मुहज तेमनामी यंग खाली हाथे पाछो न कार्य स्थापलामा कम साधु धर्म ગૃહસ્થ પણ છે. તું ગશ્યૂ धर्ममां या योताने लालो दुखाना छे योगो खायेलो थोडं पता खापीने न्मों धर्म छे तेम ધૂન અધર્મ व 251 धर्म सहगुली नयी यत्न खमुड नो लाव तेमाँ समायेलो छे तेथी परोपकार घ्या लोग - 98 ---- .
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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