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97 बंधाच
तो शुं SH धन खायेर साहेब:- नहि खायेलो चल चाप अधधी खाडी कूवाना नथी, साधे के थोडू युष्य श्रधाय छे नेपल नहि बंधाय हान न यापतो चहल हिंसक लावीतो घटी क्तां नधी खनाचे हे शमां कनमवाना डाकू समुঃ वृत्तिखीना डारहोतो पायबंध यालु छे. हिंसा यौनमे परपराधी यासी खावे हे शाडलॉक समारक के नमने स्थलाविड सांगे थे, तेम देखो यहां वे जधीं शीकधी | टेवा गया छे. सारा खोटानी बात खत्यारे नहीं. सजा - बानार्थ प्रन्लनो पैसो पहिया व्यापरीचेतोय साहेजना: थानार्थ अंक जुह है खींची गयेला कैनो के छे नेतो ब्यार्थ न उहेवाशे हेव-गुरु- धर्म छोडी थां डंमाला डे लोगना खातर खनार्थ भूमिमा गया है. તેથી અનાર્યનાં संस्कार नही पैसा उपर को छाप नही पैसामा हार्म क्षेत्रमा देवी बीते वापरला ते स्वागत खावशे खेमा तो धलीक: टिलता छे खत्यारे तो खेषु मनाच के ह blackनो पैसो धर्मना काममा
चपरायतो धर्मनु डाम चला मेल याच सायला शास्त्री साधनशुद्धिने माने के धन खे हान आरा सत्अर्च छे ને શુ હોયતો વધારે લાત छे. हेतु विवेशन खागत खावरी, पैशानी सर्जन कति साधे गोन्बुवानो नही.
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तमाशे पैसो के जीकन पैसो होमा लेह नही पडतो चरा डमालानी रीत पर खवसेजे छे. झेघपण समान्मां अनुच्चाहान अयसित होय समाक्रमा विछति के स्वार्थ खावेतो तेमा घटाडी धला खावे हे foreignai खव्यारे
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धला -