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________________ ૧૯૩ સંદર્ભગ્રંથસૂચિ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र (स्वोपज्ञ भाष्य, सिद्धसेनगणिकृत भाष्यानुसारिटीका सहित), भाग 1-2, सं० हीरालाल रसिकदास, देवचन्द लालभाई जैन कोद्धार फंड 1926. तर्कभाषा केशव मिश्र, काशी संस्कृत ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 155, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, 1967 तर्कसङ्ग्रह, अन्नम् भट्ट, सं० आथल्ये तथा बोडास, बोम्बे संस्कृत सिरिझ, ग्रन्थांक 15, भांडारकर ओ. रि. इन्स्टीट्यूट, पूना, 1930 दसकालियसुत्त (दशवैकालिकसूत्र ) (1) दसकालियसुत्त, सेज्जंभव (शय्यंभव), (भद्रबाहुकृत निर्युक्ति तथा अगस्त्यसिंहविरचितचूर्णिसंहित), सं० मुनि पुण्यविजय, प्राकृतग्रन्थपरिषद्, अमदावाद, 1973 (2) दसवेयालिसुत्तं उत्तरज्झयणाई आवस्सयसुत्तं च, सं० मुनि पुण्यविजय, जैन-आगम-ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 15, श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई 36, 1977 दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (हिन्दी अनुवाद तथा टीका सहित), अनुवादक आत्मारामजी, जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लाहौर, 1936 दीघनिकाय, सं0 टी. डबल्यू. रायस् डेविड्स तथा जे.इ. कार्पेन्टर, भाग 1-3 पालिटेक्स्ट सोसायटी, लंडन, 1890-1911. द्रव्यसङ्ग्रह (ब्रह्मदेवविरचित संस्कृतवृत्ति सहित), नेमिचन्द्र, श्री वीतराग सत्साहित्य प्रसारक ट्रस्ट, भावनगर, 1977 धम्मपद, सं0 सुमंगल थेर, पालि टेक्स्ट सोसायटी लंडन, 1914 धर्मसङ्ग्रहणी, भाग 1-2, हरिभद्रसूरि, देवचंद लालभाई पुस्तकोद्धार फेड, मुंबई, 1961, 1918 नंदीसूत्र, देववाचककृत (1) (2) (3) नंदीसूत्र (मलयगिरिकृतटीका सहित), राय धनपति सिंह बहादुर का आगमसंग्रह भाग 45, कलकत्ता, वि.सं. 1936 नंदिसुत्तं (जिनंदासगणि महत्तर विरचितचूर्णि सहित ) सं0 मुनि पुण्यविजय, प्राकृत ग्रन्थ परिषद, अमदावाद, 1966 नंदिसुत्तं अणुओगद्दाराइं च, सं० मुनि पुण्यविजय, जैन आगम ग्रन्थ-माला ग्रन्थांक 1, श्री महावीर जैन विद्यालय, मुंबई 36, 1968 निरुक्त, यास्क, निर्णयसागर प्रेस, मुंबई, 1930
SR No.005851
Book TitleJain Darshan ane Sankhya Yogma Gyan Darshan Vicharna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagin J Shah
PublisherSanskrit Sanskriti Granthmala
Publication Year1994
Total Pages222
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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