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________________ अन्तु परस्मैपद :- अन्य पुरुष :- मध्यमपुरुष : उत्तमपुरुष : एकवचन द्विवचन बहुवचन तुव् (तु) ताम् हि तम् त आनिव् (आनि)आवव् (आव)आमव् (आम) आत्मनेपद :- एकवचन द्विवचन बहुवचन अन्यपुरुष :- ताम् आताम् अन्ताम् मध्यमपुरुष :- स्व आथाम् ध्वम् उत्तम पुरुष : ऐव् (ऐ) आवहैव् (आवहै) आमहैव् (आमहै) 6५२ %sudal तुव् थी आमहैव् सुधीनAl२ प्रत्ययोन. पञ्चमी संsu. थाय छे. ॥८॥ ह्यस्तनीः- दिव् ताम् अन्; सिव् तम् त; अम्व् व म । त आताम् अन्त; थास् आथाम् ध्वम् इ वहि महि ॥३॥३९॥ . परस्मैपद :- एकवचन अन्य पुरुष :- दिव (द) • मध्यम पुरुष :-- सिव् (स्) उत्तम पुरुष :- अम्बू (अम्) द्विवचन बहुवचन ताम् अन् तम् त व म . आत्मनेपद :- - एकवचन द्विवचन बहुवचन अन्यपुरुष :- त. आताम् अन्त मध्यमपुरुष:- थास् आथाम् ध्वम् उत्तमपुरुष :-- इ वहि महि 6५२ %sudu दिव् थी. महि सुधाना मार प्रत्ययाने. ह्यस्तनी संl थाय छे.॥९॥
SR No.005827
Book TitleSiddhhemchandra Shabdanushasan Laghuvrutti Vivran Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptavijay
PublisherMokshaiklakshi Prakashan
Publication Year
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size16 MB
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