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૫૩૯ तिव्-शंव् प्रत्यय, लुगस्या... थी अध्यापिपयिषति थशे. (२.) अध्यजीगपत, अध्यापिपत् = भव्यु.
अधि+इ+इ - प्रयोक्तृ... 3-४-२० थी णिग् प्रत्यय. अधि+इ+इ+द् - दिताम्... 3-3-११ थी. दि प्रत्यय. अधि+5+इ+अद् - णिश्रि... 3-४-५८ थी ङ प्रत्यय. अधिगा+इ+अद् - मा सूत्रथा इ पातुनो गा माहेश. अधिगापि-अद् - अति... ४-२-२१ थी पु भागम. अधिगपि+अ+द् - उपान्त्यस्या... ४-२-34 थी. उपान्त्य १२ स्प.. अधिगगपि+अद् - आद्योंश... ४-१-२ थी साध मे४२१२२॥ द्वित्व. अधिजगपि+अ+द् - गहोर्जः ४-१-४० था पूर्वनां ग् नो ज्. अधिजगपि+अ+द् - असमान... ४-१-६3 थी सन्पमाप. अधिजिगपि+अ+द् - सन्यस्य ४-१-५८ था पूर्वनi अ नो इ. अधिजीगपि+अ+द् - लघो... ४-१-६४ थी. पूर्वनो इही. अधिजीगपद् - णेरनिटि ४-3-८3 थी. णिग् नो दो५. अधिअजीगपद् - अड्... ४-४-२८ थी अट माराम. अध्यजीगपद् - इवर्णाद... १-२-२१ थी इ नो य. अध्यजीगपत् - विरामे वा १-3-५१ थी द् नो त्. ४यारे २॥ सूत्रथा इ घातुनो गा माहेश न थाय त्यारे अधि+इ+इ+अ+द् सुधी. ५२ प्रभाएथशे. अधि+आ+5+अद् - णौकी... ४-२-१० थी इ पातुनो आ माहेश. अधि आपि+अद् - अति... ४-२-२१ थी पु माम. अधि+आपि+अ+द् - स्वरादेः... ४-१-3१ थी आ नी वृद्धि आ. अध्यापि+अ+द् - इवर्णादे... १-२-२१ थी इ नो य. अध्यापिपि+अद् - स्वरादे.... ४-१-४ थी. द्वितीय अंश द्वित्प. अध्यापिपद् - णेरनिटि ४-3-८3 थी णिग् नो सो५. अध्यापिपत् - विरामे वा १-3-५१ थी द् नो त्.