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૧૪૬ कारि - नामिनो... ४-3-५१ थी ऋनी वृद्धि आर्. .. . कारिद् - दि-ताम्... 3-3-११ थी दि प्रत्यय. अकारि+द् = अड्धातो... ४-४-२८ थी अट भागम.. अकारि+अ-द् - 0 सूत्रथी ङ प्रत्यय. अकरि+अ+द् - उपान्त्य... ४-२-३५ थी. उपान्त्य स्व२ १.. अककरि+अद् - आद्योंश... ४-१-२ थी माघ मेस्वरी अंश द्वित्प. अचकरि+अ+द् - कङश्चञ् ४-१-४६ थी पूर्वन क् नो च् अचिकरि+अद् - असमान... ४-१-६3 थी सन्वत् आर्य थवाथी.
सन्यस्य ४-१-५८ थी अ नो इ. .: अचीकरि+अद् - लघो... ४-१-६४ थी ई ही.... अचीकरद् - णेरनिटि ४-3-८3 थी णिग् नो दो५.
अचीकरत् - विरामे वा १-3-५१ थी द् नो त्. (२) णिच् - अचूचुरत् = यो ४२. चुरण्-स्तेये (१५६८)
चु+इ - चुरादि... 3-४-१७ थी णिच् प्रत्यय. चोरि - लघोरु... ४-3-४ थी उ नो गुए! ओ. चोरि+द् - दि-ताम्... 3-3-११ थी दि प्रत्यय. चोरि अन्द् - म॥ सूत्रथा ङ प्रत्यय. अचोरि+अ+द् - अड्धातो.... ४-४-२८ थी अट् भागम. . अचुरि+अ+द् - उपान्त्य... ४-२-३५ थी उपान्त्य स्१२ २५. अचुचुरि+अ+द् - आद्योंश... ४-१-२ थी साध से४२१२री अंश द्वित्व. अचूचुरि+अ+द् - लघो... ४-१-६४ थी उ ही. अचूचुरद् - णेरनिटि ४-3-८3 थी णिच् नो लो५.
अचूचुरत् - विरामे वा १-3-५१ थी द् नो त्. (3) पिङ् - अचीकमत् = ते ऽययु. कमूङ् - कान्तौ (७८८)
कम्+इ - कमे... 3-४-२ थी णिङ् प्रत्यय. .. कामि - णिति ४-3-५० थी अनी वृद्धि आ.