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શ્રી સિદ્ધહેમચન્દ્રશબ્દાનુશાસનસૂત્રાકારાનુક્રમણિકા [ ૬૨૧
. सूत्रम्। सूत्राङ्क। सूत्रम्। सूत्राङ्क । शाणात् ॥ ६-४-१४६ ॥ शिशुक्रन्दा० ॥ ६-३-२०० ॥ शान्दान्मान्बधा० ॥३-४-७॥ | शीङ ए: शिति ॥४-३-१०४॥ शापे व्याप्यात् ॥ ५-४-५२ ॥ शीडो रत् ॥ ४-२-११५ ॥ शाब्दिकदा० ॥ ६-४-४५ ॥ शी श्रद्धानिद्रा० ॥५-२-३६॥ शालङ्कयौदिषा० ॥६-१-३७॥ शीताञ्च कारिण ॥७-१-१८६॥ शालीनको० ॥ ६-४-१८५ ॥ शीताष्णोत० ॥ ७-१-६२॥ शासस्हनः० ।। ४-२-८४ ॥ शीताष्णाहतौ ॥ ७-३-२० ॥ शासयुधिशि० ॥५-३-१४१॥ | शीर्षः स्वरे० ॥ ३-२-१०३ ।। शास्त्यसूनि ॥ ३-४-६० ॥ शीर्षच्छेदाद्यो वा ॥६-४-१८४॥ शिक्षादेवाण ॥ ६-३-१४८ ॥ ! शीलम् ॥ ६-४-५९ ॥ शिखादिभ्य इन् ॥ ७-२-४ ॥ ! शीलिकामि० ॥ ५-१-७२ ॥ शिखायाः ॥ ६-२-७६ ॥ शुक्रादियः ॥ ६-२-१०३ ॥ शिटः प्रथ-स्य ॥ १-३-३५ ॥ शुङ्काभ्यां० ॥ ६-१-६३ ॥ शिट्यघोषात् ॥ १-३-५५ ॥ शुण्डिकादेरण॥ ६-३-१५४ ॥ शिटयाद्यस्य० ॥ १-२ ५९ ॥ शुनः ॥ ३-२-९० ॥ शिंडढेऽनुस्वारः ॥१-३-४०॥ शुनीस्तन० ॥ ५-१-११९ ॥ शिदवित् ॥ ४-३-२० ॥
शुनो वश्चादूत् ॥ ७-१-३३ ॥ शिरसः शीर्षन् ॥३-२-१०१॥ शुभ्रादिभ्यः ॥ ६-१-७३ ॥ शिरीषादिककणौ ॥६-२-७७|| शुष्कचूर्ण० ॥ ५-४-६० ॥ शिरोऽधसः ॥ २-३-४ ॥ .. शूर्पाद्वाञ् ॥ ६-४-१३७ ॥ शिघुट् ॥ १-१-२८ ॥
शूलात्पाके ॥ ७-२-१४२ ।। शिलाया एयच्च १७-१-११३॥ शूलोखाद्यः ॥ ६-२-१४१ ॥ शिलालिपा । ६-३-१८९॥ शृङ्खलः-भे ॥ ७-१-१९१ ॥ शिल्पम् ॥ ६-४-५७ ॥ शृङ्गात् ॥ ७-२-१२ ॥ शिवादेरण ॥ ६-९.६० ॥ ! शुकमाम ) । ५-२-४० ॥