________________
૩૧૬
આવશ્યકનિયુક્તિ હરિભદ્રીયવૃત્તિ અકારાદિક્રમ
पण्णा छायालीसा .....
पडिकमणे सज्झाए पडिकुडविणे. पडिक्कमामि गोयरच०... सू.
॥ १२०१ ॥ ॥ भा. १८१ ॥
॥६५०॥ ॥१३१६ ॥
पत्ते वसंतमासे आ०..... पत्तेयबुद्धकरण.......
११५२ ।।
पsिजग्गियंमि पढमे.. . ।। १३९८ ।। पत्तेयमक्खरा....
पडिणीवसरीरणे
।।पा. ६८॥
पडिमा भद्द महाभर
॥४९६
॥
||१२७३ ॥ ॥१२७२ ॥ ॥ ध्या. ८३॥ ॥ भा. ३२ ॥
॥७९१ ॥
॥१६८॥
॥ २३६ ॥
॥ २६४ ॥
॥ १०८ ॥ ।।१९४ ।
पडिलेहणा दिसा पडिसिद्धाणं करणे ..... पढमं जोगे जोगे..... पढमं दिट्ठीजुद्धं पढममि सव्वजीवा..... पढमबीयाण पढमा...... पढमस्स बारसंग पढमाणुओगसिद्धो पढमित्य इंदभूई. ॥ ५९३ ॥ पढमित्थ वरणाभो..... ॥ १७६ ॥ पढमित्थ विमलवाहण.... ।। १५५ ॥ पढमिल्लुअस्स उदाए. ॥१४७५ ॥ पढमिल्लुयाण उदए...... पढमो अकालमच्चू पढमो चउदसपुची.... पढमोधणूणसीई १ पढमो य कुमार..... ।। १६४ ॥ पणतीसा ६ तीसा ७...... ॥ ३९३॥ पणय चउक्कं च. ।। १५६३ ।। पणया पच्चंतनिव्वा .....||१०९० ॥ पणवीसं तु सहस्सा..... ॥ २७३ ॥ पणवीसमद्धतेरस || १५३५ ॥ पणवीससहस्साइं ॥ २८६ ॥ पणवीसा (आवस्सग )... ॥ १२०७ ॥ पण पुव्वसहस्सा ॥ २८५॥ पण्णरस २१ दस ||३८० ॥ पण्णरस सयसहस्सा ॥ २७९ ॥ पण्णरस सयसहस्सा
॥ १७७॥
||४०३ ॥
*****
पायसमा ऊसासा
।।२८९ ॥ पारंपरप्यसिद्धी पण्णरसि माहबहुले. ॥ २४६ ॥ पारिठ्ठावणियविहिं
★ १२७२५छी. १४८८ पछी + ११०८ पाडी
......
*****
......
......
*****
.....
*****
******
.....
*****
.....
पयइठिङ्गपएसाणु......
पयलायंत सुसुत्तो..
पयलावड़ पडिपु० परमोहि असंखिज्जा,.
परवसणं अहिनंद..... परिआओ पव्वज्जा...... परिजाणिऊण जीवे.......
परिजाणिऊण ठिओ.....
परिणिव्वुवा गणहरा...... परिभासणा उ....
******
.....
.....
*****
॥
||६५८ ॥ ॥भा. ३॥ परियाय बंभचेरं ॥ भा. २०५ ॥ परियायपरिसपुरिसे..... ॥११२९ ॥ पलिआसंखिज्जइमे ॥८९८ ॥ पलिओदमदसभाए .... पल्लय १ गिरिस ०.... पवयानीहूयाणं जं...
॥१६१ ॥
पव्वइयाण व ...... पव्वज्न पुट्टिले
पव्वज्जाए जुग्गगं.... पव्वज्जाए पढमं पसंते आसणत्वे य........
॥१०७॥ ॥७८७॥ ।। १५२४ ।। ||४५० ॥ ॥ भा. १७९ ॥ ॥५३६॥ ||१२०० ॥ पाओसि अवरत्ते ।। १३९४ ।। पाडलिपुत्त महागिरि .....|| १२८४ ।। पाडलिपुत्त हुयासण ||१३०० ॥ पाणवहमुसावाए ॥भा. २४५॥ पाणीपत्तं ३ गिहि...... ॥४६३ ॥ पाभाइयकालंमि उ ........ ।। १३९९ ।। पायच्छित्तपरु वण ॥१३२१॥ ।। १५४२ ॥
।।११६७॥
******
।।
******
******
||१७||
।। ध्या. ५१॥
।। १४८३ ॥ ।। १५४६ ।।
।।४५ ॥ ।। ध्या. २७॥ ॥४१२॥ १८७८ ॥ fr.
पालंति जहा गावो
पावं छिंदइ जम्हा
पार्वति जहा पारं
पार्वति निब्बुइपुरं
.....
******
*****
पाववहमुसावाए
पावुग्धाई कीरह.......
पासवाई बंदमा०......
पासत्यो ओसन्नो होड
पासस्स कुमारतं
पासो अरिट्ठनेमी
पिट्टीचंपा वासं पियधम्मो दढधम्मो .....
******
पा. १॥ १५२५ पछी.
.....
पिसुणासभासभू०. पुक्खरवरदीवड्डे.
*****
......
पुच्छंताण कहेइ
पुढं सुणेड़ सह ..... पुट्टो जहा अबद्ध.....
॥४७८ ॥
॥१३७६ ॥
....... ॥ ध्या. २० ॥
......
।।९१५॥
॥१५१० ॥
॥९९२॥
॥ ९०६ ॥
।। १५४१ ।।
॥१५४०॥
******
॥११०९ ॥
॥५॥
पुढविं तसपाणस.....
॥ भा. १४३॥ ॥पा. ८२ ॥ ॥पा.३॥
पुढवी आउक्काए. पुणरवि अ समोसरो.
..... ॥३६७॥
पुणरवि भद्दिअनगरे ...
॥४८७॥
पुत्तो धणंजयस्सा
॥४४९॥
पुत्तो पयावइस्सा ..
॥४४७॥
****
॥भा. १३६॥
पुव्वावरसंजुत्तं वेरग्ग..... ॥ पा. १५ ॥ पुरिमंतरराज भूयगुह..... पुरिमेण पच्छिमेण.... पुरिमेण० ...
॥१८२॥
॥४५४।।
॥६७९॥
।।१४८७।।
, ।।१५४७ ।।
.....
Tusoll
*****
॥२९९॥
॥२३२॥
पुरिसज्जाएऽवि तहा..... पुव्वं च जं तदुत्तं ....... पुव्वं ठंति य गुरुणो पुख्वं दव्वालोयण......
॥पा.३६॥
पुव्वंते होज्ज जुगं १८३३॥ पुव्वकयभासो...... ॥ध्या ३०॥ पुख्वपडिवन्नगा पुण ॥८०८ ॥ पुष्वप्पओगओ चिय... ॥घ्या. ८५॥
सू. ॥ ॥४३७॥