________________
निर्यक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः
८५ रोहीडगं च नयरं...... ॥१३१९॥| वत्तणा संधणा ..... ॥६९९॥| विच्छ्य सप्पे मूसग... भा.१३७॥ रोहेड़ वणं छटे हिय०...... ॥१४२४॥ वत्थूओ संकमणं ..... ॥७५८॥| विज्जसुअस्स..... ॥१७३॥ [ल]
वन्नरसगंधसंठाण...... भा. २०४॥| विज्जाचरणनएसुं.... ॥१०५३॥ लक्खं १२ अट्ठसयाणि.... ॥२६२॥ वयमिक्कगसंजोगाण .... प्र.॥| विज्जाण चक्कवट्टी ..... ॥९३२॥ लग्गुद्धियंमि बीए ..... ॥१४२२॥ वरकणगतविअगोरा ...... ॥३७७॥| विणओ सासणे....... ॥१२१७॥ लद्धिल्लिअंच बोहिं .... ॥१०९९॥
विणओणएहि.... ॥१३८॥ लद्धिल्लिअंच बोहिं ...... ॥११००॥ वरवरिआ घोसिज्जइ ..... ॥२१९॥| विणओवयार ..... ॥१२१६॥ लभ्रूण य सम्मत्तं.... ॥१४७॥ वरवरिआ० ...... भा. ८४॥ वित्तासेज्ज हसेज्ज..... पा. ४०॥ लाउअ एरंडफले ...... ॥९५७॥ वरसुरहिमल्लसयणमि.... ॥१०८९॥| वित्ति उसवण्ण० .... ॥५८०॥ लाढेसु य उवसग्गा ...... ॥४८२॥ ववगयमोहा समणा ..... ॥३५६॥ विमलतणुबुद्धि ...... ॥१०८६॥ लाहा हु ते सुलद्धा ..... ॥४२७॥ ववहारे १२ नीइ १३ .... ॥२०४॥
विमलमणतइ धम्मो .... ॥३७१॥ लिंगं जिणपण्णत्तं...... ॥११३२॥ ववहारोऽविहु बलवं ॥भा.१२३॥
विरयाविरई संवुडम०.... ॥८६३।। लिंगाइँ तस्स ....... ॥ध्या. २६॥| वसभे य इंदकेऊ .... भा.२०९॥
विसमंमि समा०...... ॥ध्या. ४३॥ लिप्पगहत्थी हत्थित्ति...... ॥१४३४॥| वसहि निवेसण....... पा.५४॥
विसमा जइ होज्ज..... पा.४९॥ लेह लिवीविहाणं ..... भा. १३॥ वसहिनिवेसणसाही....... पा.५५॥
विसयसुहनिअत्ताणं.... ॥१००४॥ लोइंदिअमुंडा संजया.... ॥३५४॥ वसुभूई धणमित्ते..... ॥६४७॥
विहिगहियं विहिभुत्तं .... ॥१६१२॥ लोए वेए समए ..... ॥१६०६॥| 'वाए पराजिओ..... भा. १४०॥
वीरं अरिट्ठनेमिं पास ...... ॥२२१॥ लोगस्सुज्जोअगरा ....... ॥१०६१॥ वाणारसी य कोठे ..... ॥१३०८॥
वीरं सुक्कज्झाण०..... ॥ध्या. १॥ लोगस्सुज्जोयगरे, धम्म०.... सू.॥ वाणारसी य णयरी .....॥१३१२॥
वीरवरस्स भगवओ .... ॥४७१॥ लोभाणुं वेअंतो जो.... ॥११७॥| वाणियगामायावण ...... ॥४९५॥
वीरियभावे य तहा.... ॥५२॥ .. [व] वायणपडिसुणणाए.... ॥६८९॥
वीरियसजोगयाए ...... ॥१५१५॥ वंदणचिइकिइकम्म...... ॥११०३॥] वायनिसग्गुड्डोए जा०....॥१५१४॥
वीरो अरिहनेमी ...... ॥२२६॥ वंदामि महाभागं,.... ॥४१॥ वायाइ नमोक्कारो ...... ॥११२८॥
वीसमिऊण नियंठो.... वंदिज्जमाणा न...... ॥८६६॥ वायाईधाऊणं ........ ॥१४७०॥
॥५१९॥
वीसरसहरुअंते ....... भा.२३०॥ वइसाहसुद्धएक्कारसीए.... ॥७३४॥ वारण सणंकुमारे ..... वक्खाणसमत्तीए.... ॥७१०॥ वालुय पंथे तेणा ......
वीससकरणमणाई... ५०७॥|
भा. १५४॥
वीसा दो वाससया .... वक्खित्तपराहुत्ते अ....... ॥११९९॥| वाघाए तइओ सिं ..... ॥१३७१॥
भा.१३१॥ वच्चंते जो उ कमो....
| वासत्ताणावरिया .... भा.२०७॥
॥५९॥ ॥१३३१॥
वुड्ढी वा हाणी.... वच्चगगोणी १ खुज्जा.... ॥१३३॥| वाससहस्सं १ बारस २ ..... ॥२३८॥
वेंटट्ठाइं सुरभि ..... ॥५४६॥ वच्चह हिंडह न ..... ॥५१२॥ वासाण कुमारत्तं ..... ॥२८७॥
वेउव्विअसंघाओ.... भा.१६७॥ वज्जंतऽवज्जभीरू..... ॥३५८॥ वासासु य तिन्नि...... ॥१३९१॥
वेज्जे मेंठे तह ...... ॥८४६॥ वज्जरिसहसंघयणा.... ॥१५७॥ वासीचंदणकप्पो जो.... ॥१५५०॥ वेसमणवयणसंचो०.... ॥भा.६८॥ वड्ढंते परिणामे ..... ॥८२३॥| वासोदयस्स व जहा ...... ॥५७७॥ | वेसालि भूयणदी..... ॥५१८॥ वणसंडोव्व कुसु०.... ॥भा.१०१॥| विउला विमला ...... ॥९३७॥| वेसालीए पडिमं .... . ॥४९४॥ वण्णेण वासुदेवा ..... ॥४०२॥ विगलिंदिएहिं जा सा.... पा.७ | वोग्गह दंडियमादी...... ॥१३४५॥ - + १०५६ ५छी. - १५६3 पछी
॥१२४॥