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___ * ॐ ही श्री अहँ नमः *
જૈન દષ્ટિએ તિથિરિન અને પર્વારાધન
સંગ્રહ–વિભાગ
લવાદી ચર્ચામાં આવેલા નિર્ણયને સમર્થક १. " श्री मत्तिथिमा२४२ अन्य-हिन्दी अर्थ५४ साथे"
અને
બીજે પણ કેટલોક ઉપયોગી સંગ્રહ
. सत्यं जयति नानृतम् काशी एवं अन्यान्य नगरों के सैकड़ों विशिष्ट
विद्वानों द्वारा समर्थित
अर्हत्तिथिभास्कर
"शासने वर्धमानस्य चिन्नस्वामि पताकया।
ततन्तमो निराकर्तुमुदगादेष 'भास्करः ॥" [ जैनपर्वतिथियों के क्षय-वृद्धि-विषयक विवाद में पूना के प्रख्यात पण्डित डाक्टर पी० एल० वैद्य द्वारा दिये गये 'निर्णय' के विरोध में म० म०प० चिन्नस्वामी शास्त्री से लिखित 'व्यवस्था' का तर्कपूर्ण, प्रामाणिक, अकाट्य खण्डन करके प्राचीन-परम्परासम्मत जैनशास्त्रीय
सत्य सिद्धान्त का प्रकाशक]
।
सम्पादकविद्वत्समिति, काशी.
प्र० सं० . ५००
सं०
२००६
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