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________________ ( १७ ) ५ एक मासिक चोपानीयु काढी दर वखतना कॉन्फरन्ससंबंधी कार्यनी दरेक स्थानके खबर आपवी अने कॉन्फरन्सना ठरावोने पुष्टि मापवी, ६ कॉन्फरन्सनी कायमनी स्थिति दृड करवा माटे चालु उपज थाय तेवी योजना करवी, ७ कॉन्फरन्सना हेतु अने ठरावो दरेक गामे अने शहेरोमां समजाववा प्रयास करवो, ८ दर वर्षे जेम बने तेम ओछा खर्चे कॉन्फरन्स भराइ शके तेम स गवड करवी, ९ डेलीगेटो माटे हवे पछी रु. २ ) अंके बे फी राखवी, अने १० आपणा जैन समुदायमां जेम बने तेम संप वधारवा प्रयास करवो. आ प्रमाणे ठराव पसार करावानी अने अमलमां मूकवानी आवश्यकता आ कॉन्फरन्स माने छे. आ योजनानुं समर्थन करवाने तेमणे आपेला भाषण (नि. ९) मां स्थळे स्थळे तेमनो कॉन्फरन्सना जनरल सेक्रेटरी तरीकेनो अनुभव अने दीर्घ दृष्टि नजरे पडतां हता. परदेश गमनना विकट सवालने पण एवी तो चालाकीथी सेमणे प्रसं. गमा लावीने पोतानो अंगत अभिप्राय दीव्यो हतो के श्रोताओ खुश खुश थइ गया हता अने बीजी कोमोनी हारमा रहेवा माटे परदेश गमननी आवश्यकतानी सज्जड छाप तेमना मन उपर बेसी गई लागती हती. मि. लख नसी हीरजी म्हैसरी B. A. L. L. B. मुंबईना वकील आठरावने टेको आपता स्वराज्य वहीवटनी म्युनीसीपालीटीनो दाखलो आपी कॉन्फरन्सना ठरावो अमलमां मूकवा माटे पगारदार नोकरो राखवानी जरूरियात बतावी बोल्या के, गये वरसे राय बहादुर बद्रिदासजीए पोतानी मुसाफरी दरम्यान चार आनानी सुकृत भंडारनी योजना अमलमां मूकावी हती. आपणे पोताने माटे ३६५ दिवस मच्या रहीए छीए. कोई एवो हशे के ३६४ दिवस मारा ने एक कॉन्फरन्सनो एम गणी पोतानी पेदाशनी मदद करे? एवी दरेक जण प्रतिज्ञा ले तो तेथी मोटो फायदो थाय. ( ताळीओ ). आप भाईओए ताळी पाडी तेथी मारी सूचना अमलमां मेलशो एम जाणी मने घणो आनंद थयो छे. आ योजना तमो तमारा संबंधमां आवनाराओने पण समन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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