SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 64
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स. त्रीजी वार्षिक परिषद्, वडोदरा. प्रथम दिवस ता. २७-११-०४. मंगल गीत. राग सारंग-ताल चतुश्र जाति त्रिताल मध्य काल मात्रा १६. नमो नमो मंगलमें महावीर, शासनपति वडवीर. नमो नमो. जैन समाज मिलि मनरंगे, चमकत निरमल चीर. नमो नमो. एक एक के अंतरंग की, कैसी बनी ततबीर. नमो नमो. देखो ठाठ ए जैन वरगको, सायर ज्युं गंभीर. नमो नमो. मंगल आनंद आज भयो है, आइ दीलमें धीर. नमो नमो. करी सुधारो धर्म वधारो, पाइ आशा वीर. नमो नमो. मंगलाचरण. शिखरिणी वृत्तम्. शिवौको विश्वेशः समसुरनरेन्द्रैश्च महितो जितद्विट्संदोहः कुगतिपततां वारणपरः ॥ भवाग्नेः शान्तौ यो घनरससरूपो जिनवृषो विधत्ता दादीश स्त्रिभुवननराणां स भविकम् ॥ १ ॥ स्रग्धरा वृत्तम्. दद्या च्छ्रीशान्तिदेवो वरकनकतनुः सारसौख्यानि शश्व द्भक्तानां भक्तिभाजां त्रिभुवननगरे स्फारकोटीरहीरः ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy