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वर आववा योग्य छे. छेवटे आ बधी शोषखोळोनु खरूं सार्थक तो त्यारेज थशे के ज्यारे आ देहमां घणा काळथी संताइ रहेढं आत्म द्रव्य प्रगट थाय, तेनी शोध थाय, अने ते प्राप्त थइ अखंड सुख मेळवी ले. बंधुओ ! प्रभु कृपाथी ए थशे, अने प्राचीन शोधखोळनी जरूरियातना आ मारा अनुमोदनमां आप एकी अवाजे भाग लइ मने बेसी जवा रजा आपशो. ( ताळीओ )
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