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________________ ( ४) मान आप्यु छे ते योग्य कर्यु छे. आ मान अहींना संघनेज नहि पण आखा हिंदुस्तानना जैन संघने मळयु छे. राजाओनो ते धर्मज छे. एथी बहु पुण्य थाय छे. पोतानी प्रजाने धर्मादि साधवामां सहाय. करवाथी अने तेमना मनोरथ पूर्ण करवाथी राजा प्रजाप्रिय अने राज्य चिरस्थायी थाय छ, तथा राजा सर्व प्रकारे सुखी रहे छे, संघने पण उचित छ के, श्रीमंत महरानासाहेबनो आ माटे उपकार मानवो. ए विचारने बीजाओगें अनुमोदन यतां श्रीसंघे सर्वानुमते निचलो ठराव पसार को हतो:___ " श्रीमंत सरकार महाराजा साहेब एमणे कृपावंत थई जैन कॉन्फरन्सना प्रसंगे बनी शके तो पधारवान आश्वासन आप्यु छ, तथा पब्लीकवस, खानी, पोलीप्स, फोज विगेरे खातां तरफथी महेरबानी तरीके सर्व प्रकारनी मदद आपवानो हुकम कर्यो छे. ते बद्दल अभे श्रीमंत सरकारनो खरा अंतःकरणथी उपकार मानीए छीए अने आशा राखीए छाए के, श्रीमंत कॉन्फरन्स प्रत्ये एवीज महेरबानी हमेश कायम राखशे. प्रभु कृपाथी श्रीमंत राज्य कुटुंब साथे दीर्घायु भोगवी चिरकाळ धर्मथी प्रजानुं पालन करी सुखसमृद्धि पामो." अत्रे जणावq जोईए के, ए ठरावनी मुद्रित प्रति श्रीमंतनी हुजूरमां मोकलवा माटे नामदार दिवान साहेबने अर्पण करवा एक डेप्युटेशन गयुं हतुं, अन ठरावना साररूपे एक तार पण श्रीमंतने पुना स्वारीमा करवामां आव्यो हतो. ९ कॉन्फरन्सना तथा प्रदर्शनना काममाटे जे सरसामान बहार गामथी ___ आवे ते उपरनी जकातनी माफी पाळवा अने कॉन्फरन्समां नी जकात माफी. " पधारनार साहेबोने पण ते संबंधी हरकत न थाय तेवो हुकम करवा नामदार रोमेशचंद्र दत्त अमात्य साहेबने यादी आपवामां आवी हती. तेना जवाबमां साहेब मोसुफ तरफथी महेरबानी दाखल माफी पाळवानो हुकम कोनी खबर मळी हती, जे माटे तेमनो आभार मानवो योग्य छे. १० त्रीजी कॉन्फरन्सना प्रमुखनुं स्थान कया महाशयने आपq ते बाबतमां . कॉन्फरन्सना चार जनरल सेक्रेटरी साहे वो उपरांत जाणीता कॉन्फरन्सना प्रमुखनी पसंदगी. मुनि महाराजा, शेठशाहुकारो, विद्वानो अने बीजा अग्रेसरोना अभिप्राय मागवामां आव्या हता. तेमां हिंदस्ताननी चारे दिशामां दूरना प्रदेशो सुधी विहार करवाथी घणा नामांकित पुरुषोना समागममां कॉन्फरन्सना सामान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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