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________________ (१०१) निशाणी ११. जामनगरना जगजीवन मुळजी बनीयानुं भाषण. आबा कॉन्फरन्स जेवा महान मंडळनी आपणा जैनो माटे अगत्यता छे तेनी कोइ पण ना पाडी शकशे नहीं. आपणो धर्म, आपणु कर्त्तव्य अने आपणी कोम उच्च स्थितीए पहोंचे तेना वास्ते प्रयत्न करवा आपणामां परमार्थी पुरुषो घणा छे. तोपण परमार्थनी अगत्यता समजावनार अने परमार्थ कइ दिशामां केवी रीते करवो जोइए ते नक्की करी आपनार तथा आपणा सकळ संध समुदायनी हाजतो जाहेर करनार आवा कॉन्फरन्सनी आपणा वास्ते खास जरूर छे. धन्य छे एवा मररत्नोने के, जेनी तन, मन अने धननी मददथी जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स जन्म पाम्यु, अने वकी धन्य छे ते पुरुषोने के, जेओ पोताना गाममां आवं महामंडळ भरवाने खंत अने उमंगथी पैसा अने महेनतनो लोभ न करतां दीलोजानथी काम कर्या करे छे. जे चीज आपणा वास्ते जरूर अने अगत्यनी होय छे ते चीन वधारे वखत कैम टकी रहे तेनी आपणे घणी संभाळ राखीए छीए अने तेने साचववाना उपाय लइ राखीए छीए. जैन बंधुओनी उन्नति माटे कॉन्फरन्सनी जरूर अने अगत्य छे माटे ते वधारे वखत केम टके, तेना कामने फतेह केम मळे, तेना वास्ते बनतो दरेक प्रयास करवानी अने हरेक रीते तेने मदद करवानी कोइ पण तक न जवा देवानी दरेक जैनबंधुनी फरज छे, माटे हवे कॉन्फरन्सनुं बंधारण केम संगीन थाय तथा तेनो कारोबार शी रीते व्यवस्थित थाय तेनो विचार करवानी अगत्य छे. कॉन्फरन्सना चालु कामने माटे एक वर्किंग ऑफीस मुंबईमा हाल छे तेमां सुधारो वधारो करी ते कायम राखवी जोइए. तेना वास्ते ऑनररी सेक्रेटरीओ उपरांत एक पगारदार प्रमाणिक अने हुंशीयार आसिस्टंट सेक्रेटरी अने तेना हाथ नीचे Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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