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________________ टरावो करवा उपरांत अन्य क्रियात्मक प्रवृत्तिओ शरु करी हती. दशेरा तेम ज अन्य पवित्र दिवसोए थती हिंसा बंध कराववा सबळ प्रयासो कर्या हता. आ प्रयत्नोमां तेने ठीक ठीक सफलता मळी हती अने अनेक मूंगा प्राणीओनुं जीवन बचावी लीधं हतुं. जीवदया संबंधी उपदेश करवा माटे कॉन्फरन्स तरफथी उपदेशको रोकवामां आव्या हता. तेमने श्री जैन कॉन्फरन्सना प्रतिनिधि तरीके नीर्माने ऑफिस तरफथी श्रीसंधो प्रत्येना पत्रो साथे मोकलवामां आवता हता. पहेला वर्षे उपदेशको तरीके श्री टोकरसी नेणसी लोदाया नामना गृहस्थने नीमवामां आव्या हता. तेमणे दश मास सुधी खानदेश, बिहार, मध्य प्रान्तो, मध्य हिंद, माळवा, वायव्य प्रांतो, पंजाब अने कच्छना प्रदेशोमां फरीने जुदा जुदा ७२ स्थळोनी मुलाकात लीधी हती. तेमणे रेलवे मार्गे ८,२५० तथा पगरस्ते ५५० मळी कुल ८,८०० माइलनी मुशाफरी करी हती अने दरेक ठिकाणे जीवदया संबंधी तथा कॉन्फरन्सना हेतुओ विषे जाहेर तथा जैन वर्गने उपदेश को हतो. श्री साकरचंद माणेकचंद घडियाळीने हैद्राबाद, सकिंदराबाद, वगेरे स्थळे उपदेश करवा नीमवामां आव्या हता. श्री नारणजी अमरसी नामना गृहस्थे मानद उपदेशक तरीके काठियावाडना पंदर गामोमां उपदेश को हतो. पुरोहित पूर्णचंद्र नामना ब्राह्मण गृहस्थने मारवाडमां उपदेश माटे नीमवामां आव्या हता. श्री वाडीलाल सांकळचंद शाह, पुंजालाल प्रेमचंद अने गुलाबचंद शामजीए उपदेशको तरीके वर्षों सुधी प्रशस्य कामगीरी बजावी हती. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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