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________________ ५२ अने आगला अधिवेशनमां ऊडी गएला ठरावो .सर्वानुमतीथी पसार कर्या हता. " ऐक्य "नो आ ऐतिहासिक ठराव नीचे प्रमाण छ : " जैन धर्म अने समाज उपर जुदां जुदां क्षेत्रोमांथी जे आक्रमणो हाल थई रह्यां छे तेनो प्रतिकार करी जैनोनी सर्वांगी प्रगति साध्य करवा कॉन्फरन्स ए ज एकमेव कार्यक्षम संस्था के अने तेने संपूर्ण मजबूत बनाववा माटे बधी जातना प्रयत्नो करवानुं आपणुं ध्येय होवू जोईए ए उद्देश ध्यानमा राखी ऐक्य माटे वधु अनुकूळ वातावरण निर्माण करवू जोईए. ते माटेना प्रथम पगला तरीके मालेगाम ऐक्य समितिए पसार करेला अने सुरत मुकामे मळेली स्टेन्डिंग कमिटिए पसार करेला नीना ठरावो आ कॉन्फरन्स पसार करे छे: ठराव नं. १ श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक कॉन्फरन्स सने १९३४मां अमदावाद मुकामे साधुसंमेलने करेला दीक्षा संबंधी ठरावने वधावी ले छे अने तेणे (कॉन्फरन्से) अथवा तेनी कोई पण पेटासमितिए करेला वडोदरा राज्यना दीक्षा संबंधी अने बीजा दीक्षा संबंधीना ठरावो आथी रद करे छे. ठराव नं २ ऐक्य समिति जैन समाजने भारपूर्वक भलामण करे छे के श्वेतांबर मूर्तिपूजक धर्मना सिद्धांतो अने प्रचलित अनुष्ठानो जे प्रमाणे मान्य रखाता आव्या छे ते प्रमाणे जैन संस्थाओ तेने मान्य राखशे, एटलं ज नहि पण तेना अधिकारी के ओढेदारो तरफथी तेने हीणपत पहोंचे तेवू बोलवामां के लखवामां आवशे नहि." Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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