SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हती एवा शेठ कान्तिलाल ईश्वरलाल जैवा प्रमुख आ.अधिवेशनने मळ्या. आंतरराष्ट्रीय ख्यातिने वरेला जैनसमाजना मुकुट समान शेठ कस्तुरभाई लालभाईना हाथे तेनुं उद्घाटन थयु, अने आ सर्व उपर कळश समान पूज्यपाद जैनाचार्य श्री. विजयवल्लभसूरीश्वरजी महाराज साहेबनी हाजरी अने छत्रछायाद्वारा तेने आशीर्वाद सांपड्या. आवा सुंदर त्रिवेणीसंगम जेवा त्रण महापुरुषोनो योग आ अधिवेशन- प्रेरक बळ बनी रह्यु. ___ स्वागतप्रमुख शेठ मूलचंद छजमलजीए धार्मिक पाठ्यपुस्तको तैयार करवानी तेमज समाजनी विपुल ज्ञानसमृद्धिना उपयोग माटे विद्वानो तैयार करवानी आवश्यकता जणावी समाजमां ऐक्यनी जरुरत उपर खास भार मूक्यो. प्रमुखश्रीए पण धीरगंभीर भाषामा जणाव्यु क, " हुं दरेक वर्गनो साथ भेळववा तनतोड महेनत करीश... कॉन्फरन्सनो आजे नवो जन्म थयो छे.'' तेमणे जैन विद्यापीठ अने साधुसंस्थामा संगठननी आवश्यकता उपर भार मूकी केळवणी अने मध्यम वर्गनी स्थिति सुधारवा माटे सर्व कांइ करी छूटवा आग्रह को हतो. गोडवाड प्रदेशने नंदनवन बनावनार ने ज्ञाननी परबो जेवी विद्यालयो रचनार आचार्यश्री विजयवल्लभसूरिजीए पूर्ण गंभीरतापूर्वक अधिवेशनमा जणाव्युं हतुं के, " जो समाजमा ऐक्य सधातुं होय तो हुँ मारु आचार्यपद छोडी देवा पण तैयार ." Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy