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प्रकरण ८मुं: कॉन्फरन्सना घडवैयाओ. संस्था एटले व्यक्तिओनो समूह, कोई पण संस्था फूलेफाले छ अने प्रगति करे छे त्यारे तेनी पाछळ अनेक व्यक्तिओनो आत्मभोग, सेवावृत्ति, अने स्वार्पणनो इतिहास पडेलो होय छे. कोई एक व्यक्तिथी संस्था बनी शकती नथी. वळी समय समये कोई ने कोई व्यक्तिओ एवी नीकळी आवे छ के जेः संस्थानी आगेकूचमां साथ आपती होय छे. दीर्घदृष्टिवाळा, ऊंडी समजशक्तिवाळा, समयने पिछानी शकनारा, काळबळ साथे ताल मिलावी चालनारा, जूनानवा बच्चे कडीरूप बननारा, सेवाना रंगे रंगायेला अने संस्थाने पोतीकी गणी तेना माटे मरी फीटनारा सेवको ज संस्थान नाव आगळ हंकारी जाय छ कॉन्फरन्सन नाव पण आवा सेवको अने सुकानीओए आज सुधी सहीसलामत हंकार्यु छे. भूतकाळमां डोकियुं करीए छीए तो तेनी स्थापनाकाळथी आज सुधीमां आवा आलबेल करनारा महाजनो याने कॉन्फरन्सना घडवैयाओनी एक लांबी यशस्वी वणझार आपणी नजरे पडे छे. ___ सौथी पहेलो राजपूती दिमागनो, फूटती मूछो अने ऊगती दाढीवाळो एक तेजस्वी युवान नजरे पडे छ. तेनुं नाम श्री गुलाबचंदजी ढढ़ा. कॉन्फरन्सना तेओ जन्मदाता. पूरा पचास वर्ष सुधी तेमणे कॉन्फरन्सनी एकनिष्ठापूर्वक अने अनन्य भक्तिभावी सेवा करी. साराये जैनसमाजने तेमणे एक व्यासपीठ उपर एकत्र को अने मझहब अने कोमनी सेवानो गुरु " मंत्र" आप्यो.
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