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________________ १७४ छे अने घणा मदद वगर रही जाय छे; वळी केटली अने कई संस्थाओ विद्यमान छे ते पण घणा अभ्यासार्थीओने खबर न होवाथी तेनो लाभ तेओ लई शकता नथी. सर्वेने योग्य अने जरुर जेटली मदद अने सगवड मळी शके ते माटे ए जरुरंनुं छे के : ( १ ) स्कॉलरशिप आपता बधा खाताओनुं " फेडरेशन " थवुं जोइए अने ते " फेडरेशन” नियत करेला नियमानुसार सर्वे खाताना धोरण मुंजब स्कॉलरशिपनी वहेंचणी करे. ए जो न बनी शके तो ते खातु एकबीजाना सहकारथी एक ज धोरणे अने व्यवस्थाथी कार्य करे. (२) जे जे छात्रालयो आदि शिक्षणसंस्थाओ छे, तेओ पोतानुं संमेलन भरी पोतानुं संगठन करे अने समाजमां वधुमां वधु विद्यार्थीओने लाभ मळे अने तेंमनुं चारित्र्य आदर्शरुप थाय ते माटे घटता नियम करे. (३) एक संस्था के खातानो लाभ लेनार बीजी संस्था के खातानो लाभ अणघटती रीते न ले, अने एक संस्थामांथी आवेलने बीजी संस्था लाभ आपे ए व्यवहार राखवो. ( ४ ) सर्वे संस्थानुं संगठन साधे निरीक्षण थई सुधारावधारा सूचवाय तथा दरेकनी माहिती पूरी पाडवामां आवे एवो प्रबंध करवो. ( चौदमुं मुंबई अधिवेशन ठराव १४मो ) १४. स्वदेशी 66 आ कॉन्फरन्स दरेक जैन भाई तथा बहेनने खास आग्रह करें के के शुद्ध खादी अगर तो स्वदेशी कापड तथा जरुरियातनी बधी 99 देशमा बनेली चीजो तेमणे वापर वी. Jain Education International "" ( चौदमुं मुंबई अधिवेशन ठराव २१मो ) For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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