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________________ १३७ 66 कॉन्फरन्सना उपदेशकोए पण भाषणो आषी ते योजना अमलमां• मुकाववा माटे गामेगाम ठरावो कराव्या हता. त्यापछी पण जुदा जुदा अधिवेशनामां आ योजनाने पुष्ट करवा वारंवार ठरावो थया हता, केटलाक स्थळोए सुकृत भंडार फंडने समृद्ध करवा सारो प्रयत्न थयो हतो, त्यारे केटलाक स्थळे संतोषकारक काम नहोतुं पण तुंसुकृत भंडार फंड " कॉन्फरन्सनी जीवादोरीसमुं हतुं वर्षो सुधी आ योजनानो अमल चालु रह्यो हतो. सुकृत भंडार फंडमी · चार आनानी रकम एटली नानी हती के गरीब, तवंगर के मध्यमवर्गना सौ कोई ते द्वारा कॉन्फरन्सने सहाय करी शकता हता -टीपे टीपे सरोवर भराय ए न्याये चार आना कोईने भारे पडे नहि अने कॉन्फरन्सनी झोळी छलकाई जाय अने तेनाथी समाजनां अनेक हितवर्धक कार्यो थई शके ए तेनी पाछळनो मुख्य उद्देश हतो. !! आ सुंदर योजनानो अमल हाल अटकी गयो छे अने तेने ते स्वरुपे या बीजा स्वरुपे पुनर्जीवन आपवानी जरुर छे. १६. आक्षेप प्रतिकार घणी वखते जैनधर्म, तेनी संस्कृति, तेनो इतिहास अने तेना सिद्धांतोनी साची समजना अभावे के इरादापूर्वक जैनधर्म उपर जैनेतर लेखको तरफथी आक्षेपो अने प्रहारो थया करे छे. ज्यारे ज्यारे कॉन्फरन्सना ध्यान उपर आ हकीकत आवी छे अगर लाववामां. आवी छे त्यारे प्यारे कॉन्फरन्से तेना प्रतिकार माटे घटता प्रयत्नोकर्या छे. कॉन्फरन्सना प्रयत्नाने परिणामे घणां पाठ्यपुस्तकोमांथी बांधाजनक फकराओ काढी नाखवामां आव्या छे अगर जैन कोमनी. Jain Education International For Personal & Private Use Only . www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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