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________________ जैनधर्मना सिद्धांतो अने संस्कृतिनी रक्षाने खातर महात्मा गांधीजी जेवा लोकमान्य नेताना विचारो सामे पण कॉन्फरन्से पोतानो पुण्यप्रकोप जाहर को हतो. ता. १०-१०-२८ना रोज स्टेन्डींग कमिटीनी बेठके मुंबईमां शेठ जीवतलाल परतापशीना प्रमुखपदे नीचेनो ठराव पसार को हतो. " श्रीयुत गांधीजीए पशुओ, वांदराओ, वगेरेना वधसंबंधी जाहेर करेला विचारो तरफ श्री जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्सनी स्टेन्डींग कमिटीनी आ सभा सखत विरोध जाहेर करे छे. कोई पण प्राणीनो कोई पण संजोगोमां वध कर वो तेने हिंसा तरीके आ सभा माने छे अने तेवी हिंसा कोई पण संयोगोमां करवी इष्ट नथी तेवु भारपूर्वक जाहेर करे छे.” आ रीत ज्यारे जैन संस्कृतिनी मौलिक भावनाओगें अने सिद्धांतोनुं रक्षण करवानो प्रसंग उभो थयो छे त्यारे त्यारे कॉन्फरन्से बराबर कमर कसी छे अने ए रीते समाजे तेनामां मूकेला विश्वासन तेणे जवाबदारीपूर्वक पालन कयु छे. आम कॉन्फरन्स जैनसंस्कृतिरक्षा माटे ऊभेली एक अडीखम अने अणनम संस्था छे. १२. जेन हेरोल्ड, जनयुग अने कॉन्फरन्सपत्रिका सं. १९६१मां वडोदरामां भरायेला कॉन्फरन्सना त्रीजा अधिवेशनमा जे अगत्यना ठरावो थया हता ते पैकीनो एक ठराव कॉन्फरन्सने मजबूत बनाववाना उपायो सूचवतो हतो. ते पैकी एक उपाय ए हतो के, “एक मासिक चोपानिय काढी दर वखतना कॉन्फरन्स संबंधी कार्यनी दरेक स्थानके खबर आपवी अने कॉन्फरन्सना ठरावोने पुष्टि आपची." Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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