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________________ १०३ तरफथी श्री धीरजलाल पी. श्रोफ बॅरिस्टर, श्री मोतीचंद गिरधरलाल कापडीआ तथा अन्य बंधुओए आ केसमां घणो ज श्रम लीधो इतो.... ' आबुजी उपर विझिट लेनारा युरोपियनो जोडा पहेरीने मंदिरमां जई जैनकोमनी लागणी दुःखवता हता. तेने माटे अत्रेथी सरकारमा मोकलवा एक मेमोरियल तैयार करी बाबुसाहेब रायकुमारसिंगजी उपर मोकलवामां आव्यु हतुं. परिणामे आपणी मागणी स्वीकारवामां आवी हती अने युरोपियन प्रेक्षको बूट पहेरीने मंदिरमां न जाय तेवी व्यवस्था सरकार तरफयी थई हती. - आ सिवाय श्री केसरियाजी तीर्थमां श्री ऋषभदेवजी महाराजना मंदिर उपर ध्वजादंडने वावाझोडाथी नुकसान पहोंच्याना अने ते ध्वजादंड पुनः जैनेतर विधिथी चढाववामां आवनार होवाना खबर आवतां ते सामे उदेपुर महाराणा समक्ष सखत विरोध मोंधाववामां आव्यो हतो. उदेपुर राज्ये आ तीर्थनो भंडार, नोंध करवाना बहाना नीचे, जैनकोमनो तीव्र विरोध छतां, खोल्यो त्यारथी असंतोष शरु थतां पंड्याओ प्रत्ये राज्ये जे वलण अखत्यार करी बोलीनी वधी आवक तेमने आपवानो हुकम काढ्यो तेथी कोमनी लागणीए तीव्र रुप लीधुं हतुं अने दरेक स्थळे असंतोषनां पूर प्रकट थतां कॉन्फरन्सनी कार्यवाही समितिए सने १९३३ना जान्युआरीमां आ तीर्थ संबंध ऊभी थएली परिस्थिति माटे विचार करी योग्य करवा एक पेटा कमिटि नीमी हती अने कॉन्फरन्सनी कार्यवाही समितिए आ संबंधे शेठ आणंदजी कल्याणजी साथे रही कार्य करवा ठराव्युं हतुं. आ कमिटीए एक मेमोरियल उदेपुरना Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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