SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 157
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३.५ योजन का है इसलिए यह शकट की प्रियव्रत ने द्वीपों का विभाग कर जम्बूआकृति का है। (२८) (दे. चित्र ६) द्वीप का अधिपति आग्नीध्र को बनाया था । विष्णुपुराण के अनुसार जम्बूद्वीप में आग्नीध्र के नाभि, किंपुरुष, हरिषर्ष', इलाघृत, सुमेरु के दक्षिण में हिमवान, हेमकूट और रम्यक, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व और केतुमाल निषध तथा उत्तर में नील, श्वेत शृङगी ये ये नौ पुत्र हुए । (२९) छ पर्वत है जो इसको भारतवर्ष, किंपुरुष, जम्बूद्वीप के विभाग करके इन्हीं के समान हरिवर्ष. इलावत, रम्यक, हिरण्यमय और नाम वाले नौ खड बनाये और उन्हें एक उत्तरपूर्व इन सात क्षेत्रों में विभक्त कर एक पुत्र को सौंप दिया । (३०) देते है। ये नौ वर्ष नौ नौ हजार योजन विस्तार भागवत के अनुसार जम्बूद्वीप में नौ . वाले है। इन्हे बाँटने वाले आठ पर्वत है। वर्ष (खंड) है। यहां भागवत और विष्णुपुराण में स्पष्टतः उत्तर . . उत्तर HI. अब गोदानीय हीप अनुष्य d - दक्षिा , बौद्ध दर्शन के अनुसार त्यानुद्वीपीय भूगोल Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005568
Book TitleJambudwip Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Pedhi
PublisherVardhaman Jain Pedhi
Publication Year
Total Pages190
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy