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३.५ योजन का है इसलिए यह शकट की प्रियव्रत ने द्वीपों का विभाग कर जम्बूआकृति का है। (२८) (दे. चित्र ६) द्वीप का अधिपति आग्नीध्र को बनाया था ।
विष्णुपुराण के अनुसार जम्बूद्वीप में आग्नीध्र के नाभि, किंपुरुष, हरिषर्ष', इलाघृत, सुमेरु के दक्षिण में हिमवान, हेमकूट और रम्यक, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व और केतुमाल निषध तथा उत्तर में नील, श्वेत शृङगी ये ये नौ पुत्र हुए । (२९) छ पर्वत है जो इसको भारतवर्ष, किंपुरुष, जम्बूद्वीप के विभाग करके इन्हीं के समान हरिवर्ष. इलावत, रम्यक, हिरण्यमय और नाम वाले नौ खड बनाये और उन्हें एक उत्तरपूर्व इन सात क्षेत्रों में विभक्त कर एक पुत्र को सौंप दिया । (३०) देते है।
ये नौ वर्ष नौ नौ हजार योजन विस्तार भागवत के अनुसार जम्बूद्वीप में नौ . वाले है। इन्हे बाँटने वाले आठ पर्वत है। वर्ष (खंड) है।
यहां भागवत और विष्णुपुराण में स्पष्टतः
उत्तर . .
उत्तर
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अब
गोदानीय हीप
अनुष्य
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दक्षिा
,
बौद्ध दर्शन के अनुसार त्यानुद्वीपीय भूगोल
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