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९. भीम (श्राव) ड़त अगरछत्त प्रबंध २. सं. १५८४, से. सं. १८३०.
प्रथमप्रसारदा के बीएए केरीमाय ग्रचिचय
पदमायेसदा कर इंसान ९ बुसामिश्रिमातापिता नुं बंधमित्त मलदिई धरा कहि शिकथा सुपक्ति र कवि वाकई करें मातम्या करें सीजईसविकांम ३ मुकमुषमन कुपननावनलो अतिसार अ का समीर मुषितुं मंए। नुसर गमदत्त रषिरायनुं शसर चिशिविस्तारि सतिसागा मिश्री दक्ष करिऊपुस्तक होय वामकविरसोई ५ विलाद वरिलदकइईस्यु जा मन्नू संगम ज स्पुं मस्त कें मन मोहन रामी मणिमुक्ताफल दीरेजी ६ बदन कमलिंपुनिमस शीवसे धररंगिपरवाची दसई देवान चंपा कांधमी पंकज दलजी वंषी कमिसन के इशा चंद्र सूरमा सजा नाशादवीतिय फूल कुपरि मोती नुं नदीमूलधनुषाकारेनमुदिया कुमी जाएँ मयत सीमा कुमी दंत दामिम कुसीफ इंजेशी वचनका कवि एक दें किशी क मलाल बेहजचंग पीनपयोधरूप्रति तंग कनक चूमिकरस के परी संकिदारिश मांनें केसरी १० तानब राति मांगी अमृत वाणिमुबि बोसेंबली सरसतिकरें त सागार कंवें सो दें मुगना फलदार ११ पाएनेन रचादेंक मऊ में सुरचरचरणकम जनमदं ब्रह्माविमखरजेद करें ध्यान बुद्ध माना ते १२ प्रचरदेव के ताऊं
પ્રથમ પૃષ્ઠ
પીઠબંધ - હસ્તપ્રત પરિચય
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कचिदिचश्रचरी सुतिनं सरसतिश्चर
पदमा एक हरे हि मुकऊप
कमल मनपरि
मरने स
वारण संवतते को सायं
राजद साषामवदि मोहेने द पहु इतिथौ चौदस मोठे मन्त्रि चोर ने श्वपुष्पन र चिन रामबली क कहिनुपिस बनवारीन को स
राम
यातनायेंचा यान्तोक
प्रियामा जव
અંતિમ પૃષ્ઠ
यक
जन
नापिही सरासंग्राम दरबारसोई नदी बीमार
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