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२५ (२३)
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२५(२४) राणी की गोद में शयन करते
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हुए
चंदराजा ।
२५ (२४)
चंदराजा कथा
२५(२३) चंदराजा और गुणावली राणी (यह कथा श्री शत्रुंजय तीर्थ के प्रभाव का उदाहरण है) अपर माता वीरमती के मंत्रयुक्त धागे से मुर्गा बना हुआ चंदराजा श्री सिद्धाचल पर आकर आत्महत्या करने के हेतु सूरज कुंडमें कूदता है परंतु धागा टूट जाने पर वह फिरसे अपने स्वयंरूप में आ जाता है ।
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