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वैराग्यदेशनाध्क्ष प.पू. सा. श्रीमल्यं द्रसूरीश्वर ज्ञानाहिगुणोपेत गणिवर्य श्री तीर्थद्रविभ्य स्वाध्यायाहिनिस्त मुनिमंडल योग वहना, शांता शे
महाराभ तरइया तथा
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