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[श्री विन्यसारितमणुयभयो विसयाणं, सेवाइण मुत्तिमुक्खपज्जंतो॥ तम्हा विसयच्चाओ, हियो दीहाउतेयबलो ॥ १३ ॥ किंपागसमा विसया, सच्चमुहं नत्थि तत्थ लेसावि ॥ जं भासइ तत्थ सुहं, मोहाओ णेष परमत्था ॥ १४ ॥ असुइखाणी नारीओ, रागी तासुं जहा तहा धम्मे ॥ जइ तं रागी होज्जा, नियमा तुह होज्ज मुत्तिपयं ॥ १५ ॥ कोहो दुग्गइजणगो, नाणाइविणासगो पसंतिहरो ॥ तच्चामो मुत्तिदओ, पसण्णचंदस्स दिटुंता ॥ १६ ॥ माणो हयसुहझाणो, दोसाइ विवडढणो महादोसो ॥ केवलनाणी जाया, बाहुबली माणपरिहारा ॥ १७ ॥ इत्थित्तं तिरियत, मायाइ फलं तहेव लोहस्स ॥ सप्पाइयतिरियत्तं, निरयगई धम्ममइणासो ॥ १८ ॥ इय गाउं वीसासो, विसयकसायाण व कायवो ॥ तच्चाया पिरसंती, मुत्ती पत्ता गुणिनरेहिं ॥ १९ ॥ विसयकसायचाई, गयमुकुमालो विरागिवरसमणो॥ मुत्तिं केवलनाणी, दिक्खा दियइम्मि संपत्तो ॥ २० ॥ उवओगिणो वियारा, कायया णिप्फला असुहभावा ॥ हेया हियरसिएहि, तत्तवियारेहिं मणथिज्जं ॥२१॥ निक्कारणत्तसमए, मोणं सइ कारणे परिमियत्तं ॥ वयणाणं कायव्वं, मोणं मुणिभूसणं परमं ॥ २२ ॥ उवोगिणी पवित्ती, कायव्वा मुत्तिमग्गपोसदया ॥ तब्वइरित्ता हेया, भव्वेहिं भददिट्ठीहिं ॥ २३ ॥ जस्स वियारा धम्मा, धम्मा भासा हिया मिया सच्चा॥ धम्माणुगा पवित्ती, सो धण्णो लहइ मुत्तिसुई ॥ २४ ॥ परनिंदापरिहारो, नियनिंदासवणकोहवइरेगो ॥ नियमलसोहणकालो, सो सोहइ नियजलाईहिं ॥ २५ ॥ न मुमरिअव्वं वेरं, पुव्वं न नवं कयावि कायव्वं ॥ अभी वेरच्चाई, निवसइ परमाइसंतीए ॥ २६ ॥
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