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________________ ( 24 ) सुकुमाल ॥ ३ ॥ जन्मकाल राजा दिवे, लेइ दासी साथ ॥ बे बालक ले करी, चाल्यो पृथ्वीनाथ ॥ ४ ॥ ॥ ढाल पहेली ॥ राग गोमी ॥ मन जमरानी देशी ॥ ॥ पुत्र बेइ निज निरखतो, राय मन हरख्यो रे ॥ पहुतो वह मजार, राय मन हरख्यो रे ॥ रूख तले लेइ मूकीया ॥ रा० ॥ बोल्या देव प्रकार | रा० ॥ १ ॥ ए बालक रुडा तमे ॥ रा० ॥ राखो रुडी रीत ॥रा० ॥ ए बालक सघले सदा ॥ रा० ॥ दश दिशि हुशे विख्यात ॥ रा० ॥ २ ॥ गुप्तपणे ए राखजो ॥ रा० ॥ किणही दाय उपाय ॥ रा० ॥ बेइ बालक लेइने || रा० ॥ श्रपणे मंदिर जाय ॥ रा० ॥ ३ ॥ राणीने आणी दीया ॥ रा० ॥ कीधां जन्मनां काज ॥ रा० ॥ हंसराज नाम थापीयुं ॥ रा० ॥ वडो जाइ वत्सराज ॥रा० ॥ ४ ॥ मनकेसरी राय तेमीयो ॥ रा० ॥ श्राव्यो बुद्धिनिधान ॥ रा० ॥ जतने बालक राखवा ॥ रा० ॥ जंपे इम राजान ॥ रा० ॥ ५ ॥ बावन वीर बुद्धि आगला ॥ रा० ॥ तेहनो नहीं वेसास ॥ रा० ॥ बिहुं कुमरने जाशे ॥ रा० ॥ तो करशेज विनाश ॥ रा० ॥ ६ ॥ मनकेसरी मुहतो कहे ॥ रा० ॥ करशुं कुमरने खेम ॥ रा० ॥ परदेशे एने राखशुं ॥ रा० ॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005393
Book TitleHansraj Vacchraj no Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1917
Total Pages114
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size7 MB
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