________________ तैयार ! तैयार ! तैयार ! श्रावक कर्तव्य तथा विविध स्तवनादि समुच्चय ग्रंथ __ जमा प्रातःस्मरणीय स्तोत्र, बंदो, दर्शन विधि, पूजाविधि चैत्यवंदनविधि, नावनास्वरूप, जिन्न जिन्न अनेक स्तवनो, चैत्यवंदनो, श्रोयो, लावणी, सकायो, नाटकना रागनां गायनो विगेरे, त्रणसो जेटलां पद्योनो संग्रह अने वटे नवस्मरण, शलोका, सामायिक तथा पच्चरकाणनी विधि आप। जे. प्रस्तावना खास बांचवा जेवी रे. तेमां क्रिय हेतु पुरःसर समजावया यत्न करें . आत्मचिंतनना क्रियाकम माटे अा ग्रंयनो संग्रह बहु उपयोगी जे. जैन . कोममां आ ग्रंथ पहेलाहेलो बहार पझे जे. 5. शास्त्री अदरमा रु०१-१०-0 गुजराती अदरमा रु०१-४-० उपर सिवाय वीजां अनेक पुस्तको, तीर्थोना नकशा विगेरे मळे जे. विस्तारथी मोटा सूचीपत्र माटे त्रण आनानी टीकीटो मोकलो. बहार गामना मरो संजालपूर्वक वी. पी. श्री मूकबामां आवे . श्रावक जीमसिंह माणेक, * जैन पुस्तको वेचनार तथा प्रसिद्ध करनार. मांमवी, शाकगली-मुंबइ. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org