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(३७) य॥ मो० ॥ तलिया पापड साकर खीर, दे माता अब म कर बधीर ॥ मो॥५॥ साकर, नेली सीखरणी दही, लवंग एलची श्राणो सही ॥ बालक वचन सुणी माय बाप, राजा राणी रे श्राप ॥ मो० ॥६॥ किसुं संतापे पूत्र आबुऊ, लाडु किहांथी श्रापुं तुऊ ॥ मो० ॥ बीजी ढाल ए श्रावक सुणो, हठ न बूटे बालकतणो॥मो॥॥
॥दोहा॥ ॥ माता बालकने कहे, नेडो दीसे गाम ॥ तिहां जश् लावी आपशु, धीर धरो वत्स ताम ॥ ॥१॥ माता संपति क्युं मिटी, दशा घटी किम श्राज ॥ किहां जास्यां करस्यां किस्युं, किहां थ योध्या राज ॥२॥ बेटा बोलीजें नही, करम करे ते प्रमाण ॥तुज पिताना पुण्यथी, थाशे जय कल्याण ॥ ३ ॥ बालक बत्रीश लक्षणो, मान्यु वचन प्रमाण ॥ वलतो अणबोल्यो रह्यो, सम ज्यो चतुर सुजाण ॥४॥
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