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पूरी श्रदय सुख लहो जोखे जी ॥ १० ॥ २॥ पुनरावर्त्त हरवा हाथे जी ॥ १० ॥ नंदावर्त्त करो रंग साथे जी ॥ ॥ कर जोमा जिनमुख रहीने जी ॥ अ० ॥ एम आखो शिव दीयो वहीने जी ॥१०॥३॥ जगनायक जगगुरु जेता जी ॥ अ० ॥ जगबंधु अमल विनु नेता जी ॥०॥ ब्रह्मा ईश्वर वमनागी जी ॥ १० ॥ योगीश्वर विदित वैरागी जी ॥ ॥४॥ एहवा देवाधिदेवने पूजे जी॥॥
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