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(३) ॥ ढाल अढारमी ॥ हाररो हीरो माहारो, नणदीरो वीरो माहारो साहेबो ॥ ए देशी ॥ ॥ चोरीए चढीने तमे मुजने, प्रजु महारा आप्यो जमणो हाथ हो ॥ कर चांपी उना थया, प्रजु महारा महोले चढ्या बे साथ हो ॥१॥ जीवना जीवन माहारा, देहना दीपन माहारा, मनना मोहन माहारासाहेबा,प्रनुमाहारा वली एक वातसुणावं हो ॥ए आंकणी॥माहारीजानी दीवो महेलीगइ.प्रज माहारा हुं लाजी एक. पास हो ॥ अलगी जश् उनी रही, प्रनु माहारा तमे जोयो आवास हो ॥जी ॥ दे ॥ मन ॥ मा॥०॥वली॥२॥हिंमोलाखाटे त्रण कमां, प्रजु महारा चोथे पाश्ये दोर हो ॥ बांधी बेगं बे जणां, प्र०॥तमे थया चीरना चोर हो॥जी॥दे॥ मन॥मा॥ ॥वली॥३॥ किंगारा तव जीणे खरे, प्र०॥ विण वादल तिहां मोर हो॥हलुए हनुए शनैः शनैः, प्र०॥तमेकीधुं तव जोर हो ॥ जी० ॥ दे॥ मन ॥ मा० ॥ प्र० ॥ वली ॥४॥ हुँलाजी नीचुं जोश रही, प्र०॥ त्यारे आप्यु तमे चीर हो ॥ ते सहु केम गयुं विसरी, प्र॥ लाल नणदीना वीर हो ॥ जी० ॥ दे॥ मन
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