SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (३६) आरोपिने॥बोल्यो नृप कमुवा बोल रे॥लाल ॥ को रे कहे नर श्रागले ॥ तरुणी ते केटले तोल रे॥लाल ले॥३॥नरजे चाहे ते करे॥लीये लंका जेहवा कोट रे ॥ ला ॥ सिंह सरिखाने हणे ॥ मयगल ने करे लोटपोट रे ॥ लाल ॥ ले ॥४॥ देवदानवने वश करे ॥ जल उपर बांधे पाज रे ॥ लालागिरिवरने न फेरवे ॥ वलि लांजे अरियण साज रे ॥लाल लेगा ॥५॥ नारी दासी नरतणी ॥ जाणे सहु संसार रे ॥ लाल ॥ जो नर मूके हाथथी॥ तो नारीने कवण आधार रे॥ लाल ॥ ले॥६॥आयउपाय करी घणा ॥नारीनो नर नरे पेटरे ॥ लाल ॥ नारी बिचारी बाप मी ॥ करे घरनो कारज नेट रे ॥ लाल ॥ ले०॥७॥ पियुथी विगानी जे प्रिया ॥ तेदनो मुख केम देखाय रे ॥ लाल ॥ घणु ए नली कंचनरी ॥ पण पेटेन मारी जाय रे ॥ लाल ॥ ले॥७॥ तूं जोरावर जग तमां ॥ थई दीसे वे नारी पेदास रे ॥ लाल ॥ मुख जो ताहाँ बापमी ॥ जे पीयुने करीस तुं दास रे॥ लाल ॥ ले ॥ए ॥ नरसुं न जायो चंडणे ॥ जे राखीस पीयु करी दास रे ॥ लाल ॥ खोटी पाडूं जो तुऊने।तो देजे मुफ साबास रे ॥ लाल ॥ ले ॥१०॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005386
Book TitleMantung Raja ane Manvati Ranino Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1906
Total Pages132
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy