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॥ श्री ॥ मानतुंग राजा नवती राणीनो रास.
पंति श्री मोहन वीजयजी विरचीत द्वितीय मृषावादपरिहार व्रतमाहात्म्यरूप.
ने मा
आवृति त्रीजी
श्र ग्रंथने यथामति संशोधन करीने शा. जीमसिंह माणकें श्री मुंबापुरीमध्यें निर्णयसागर छापखानामां छपावी प्रसिद्ध करयुं छे.
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श्रावण शुदि ३
संवत् १९६२.
इसवी सन १९०६.
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