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45.
अथ
श्रीपरदेशी-राजानो -रास.
एतिषेक
62-19
तथा
देवद्रव्यना उपजोगथी यती हांनीवी से
तथा वृक्षोथी यता शुभाशुभ फल तथा निक्षानुंखावायी यता अवगुण वीशे नांदष्टांतो तेने
'भवादीक नही माननारा नास्तिक जनोने पीयुषसम उपदेशरूप जाणीने.
यथाबुधी शुध्ध करीने. श्रावक, नीमसिंह माणकें.
श्री मुंबापुरीमध्ये.
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.. निर्णयसागर " मुद्रायंत्रमां मुद्रित कराव्यो छे.
संवत् १९५७. सने १९०१. भादरवासुदी पूर्णिमां.