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(३०) माधव नाय, ततण विगर बुलाय, आज हो मधुर वचनशुं माधव एम कहे जी ॥३०॥टाळु नाश्ताहरु पुःख, विलसो मनोहर सुख, आज हो वाय विना कुःख निवारं ताहरूं जी ॥३१॥ जनम मरण वारो मोय, सुख मानी रहुं तोय, आज हो उःखहरण सुखकरण तुमे बांधवा जी ॥ ३२ ॥ देव दाणव इंजराय, ए केणेही न मिटाय, आज हो कर्मदय थकी सहुए टले जी ॥ ३३ ॥ कय करवा निज कर्म, बेशुं संयमधर्म, श्राज हो अनुमति दीजे बंधव मुज जणी जी ॥ ३४ ॥ कृष्ण कहे एम वाय, सुण सुण मोरा नाय,आज हो राजे बेसाइंछारामतिर्नु ए सही जी ॥ ३५ ॥ वरतावं ताहरी आण, करुं हुं हुकम प्रमाण, आज हो आणा वरतावं सघले ताहरी जी ॥ ३६ ॥ मौन रह्या तेणी वार, कृष्ण हरख्या निर्धार, श्राज हो सऊन परिवार सहु राजी हुवा जी ॥३७॥ करवा ते कृष्ण काज, लेश बेसाड्या राज, आज हो हुकम चलावे गजसुकुमालनो जी॥३०॥ कृष्ण कहे एम वाण, रायहुकम प्रमाण, आज हो हाथ जोमीने केशव एम कहे जी ॥३ए ॥ वरतावो माहरी आण, करो हुकम परिमाण, आज हो दीदा
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