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( ३७ )
रहे जी ॥ १७ ॥ तुंमुज जीवन प्राण, की की काजल समान, आज हो जंबर फूल परे सुणतां दो हिलो जी ॥ २० ॥ इष्ट कंत पीयु मोय, तुं मुज विसामो होय, आज हो मुज मन वाल्हो यति घणो तुं सही जी ॥ २१ ॥ तुं पुत्र नाहनो बाल, केलि गरज सुकुमाल, आज हो जोग योग्य बे अवस्था ताहरी जी ॥ २२ ॥ रूप कला गुणपात्र, निरुपम निर्मल गात्र, आज हो सोमलरी बेटी परणो पदमणी जी ॥ २३ ॥ मीठी प्रभु अमृत वाण, में कीधी मात प्रमाण, वाज हो मायाशुं मन मोरो उतरी गयो जी ॥ २४ ॥ जाएयो में थिर संसार, बेशुं संयमजार, आज हो मात मया करी अनुमति मुजने थापजो जी ॥ २५ ॥ पबे लेजो संयमजार, यादरजो श्राचार, आज हो कन्या विचक्षण परणो लामकी जी ॥ २६ ॥ पुत्र मुज मनहुंती चाल, जाएं रमामीश बाल, आज हो तुज उपर मुज आशा बे घणी जी ॥ २७ ॥ मात पिता ने जाय, घणुंक मोह लपटाय, याज हो कह्युं रे न माने कुंवर सुलक्षणो जी ॥ २८ ॥ घणुं रे थइ दिलगीर, नयणे विबूटे नीर, आज हो विलाप करे बे वसुदेव देवकी जी ॥ २७ ॥ हलधर
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