SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (एए) लीयां ॥ चूया चंदन अंग विलेपन, केशर कपूर मृग मद तलीयां ॥श्री० ॥२॥ पंच रंग फूल ज्युं चंगा वाधा, कुंमल कानें मणि जडीयां ॥ सहस दल जाल तिलक अनोपम, शिरमुकुट सोवन घडीयां ॥ श्री० ॥३॥ बिटुं बांहे बहिरखा बांध्या, हाथें दो हथ सांकलीयां ॥ नंग जडित कनक मुदरडी, जलके दश कर अंगुलीयां ॥ श्री०॥४॥ पट हस्ती चडीचडयो मगधेसर, वड वडा जोधा साथै जुडीयां ॥ हय गय रह पायक परवरिया, जाणे इंश दल कप डीयां ॥ श्री०॥५॥ मेघामंबर शिर नत्र बिराजे, जब जब तेजें जलमलीयां ॥ निर्मल चंद किरण ज्यु धवलां, बिहुँ पासें चामर ढलीयां ॥ श्री० ॥ ६ ॥ फरहरे आगे नेजा ताजा, जुलमति घोडा हल ब लीयां ॥ याचक जय जय वाणी बोले, दाने माने दारिश दलीयां ॥ श्री० ॥ ७ ॥ नेरी नफेरी नादी न गारां, नवल नीशाने घान वलीयां ॥ वाजे वाजां गा ज अवाजां, ज्युं वरसालें वादलीयां ॥ श्री० ॥ ७॥ मोतीडे वधावे गलीये रती ए, गोरी रची रची गुह लीयां ॥ कोकिलकंठी मीठी वाणी, सोदव गावे सोह सीयां ॥ श्री० ॥ ए॥ धागें वांसे वहे दल वादल, Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005368
Book TitleKayvanna Shethno Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages82
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy